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________________ अनेकान्त/१२ कुछ अन्य विचारणीय बिन्दु (१) हमें यह सोचना होगा कि पंचकल्याणकों में नृत्य के नाम पर डिस्कोटाइप उछलकूद की कोई सीमा-रेखा तय होनी चाहिये या नहीं? भगवान के जन्म और राज्याभिषेक के समय यदि एक या दो शास्त्रीय नृत्य हों तो नहीं खटकते किन्तु जब चाहा तब, इन्द्र-इन्द्राणियों का अपने-अपने पूजा-स्थान से उठ-उठकर नाचने लगना अवश्य ही अटपटा लगता है। हमें यह भी देखना होगा कि नृत्यों से भी वैराग्य-भाव जगना चाहिये, न कि राग-भाव। यह उत्सव राग-रंग का नहीं है, यह वीतरागता की ओर ले जाने वाला एक पवित्र यज्ञ है। (२) हमारे पूज्य साधुवृन्द एवं आर्यिका माताओं को रात्रिकालीन सांस्कृतिक कार्यक्रमों में (एक-एक या दो-दो बजे तक) मंच पर तख्तासीन होकर बैठना चाहिये या नहीं, यह प्रश्न भी विचारणीय है। पुरानी परम्परा तो यह है कि साधुजन प्रायः दीक्षा कल्याणक के दिन से ही मंच पर आते थे। हमारी तो विनम्र प्रार्थना यही है कि गृहत्यागी पूज्य गुरुजन स्वयं ही इस पर विचार करें। (३) इन्द्रादि एक भवावतारी होते हैं। जिन्हें भी इन्द्र बनाया जाये, उन्हें अभक्ष्य-भक्षण, रात्रि-भोजन एवं सप्त व्यसनों का त्यागी तो जीवन भर के लिये होना चाहिये तथा उत्सव के पाँचों दिन वे एकाशन करें। (मुनि दीक्षा के दिन तो उपवास रखने की सलाह दी गयी है) किन्तु संहनन की कमी ओर कालदोष से इसमें अब प्रायः यह छूट दे दी जाती है कि वे सायंकाल उकाली और ड्राईफ्रूट्स ले सकते हैं। इस छूट के बाद भी यदि इन्द्रादि गजयात्रा के समय बोतल से पल-पल पर पानी पीते हुये देखे जायें तो यह अच्छा नहीं लगता। कुछ लोग तो लुक-छिपकर पान मसाला आदि भी सेवन करते हुये सुने जाते हैं। इसे वे आहार में नहीं गिनते। यह सब उपहासजनक लगता है। (४) भगवान आदिनाथ ने इक्षुरस का आहार लिया था और शेष तीर्थंकरों ने क्षीरान्न (खीर) से प्रथम पारणा किया था किन्तु आज पूर्णाहार (षट्रस व्यञ्जन) बनाये और भगवान की अंजुलि में परोसते हुये दिखाते जाते हैं। क्या यह तीर्थ प्रवर्तक के अनुकूल है? (५) प्रतिष्ठाचार्य का एक गुण है उसका निर्लोभी होना। एक योग्य प्रतिष्ठाचार्य विधि-विधान की राशि का ठहराव नहीं करता। यजमान स्वेच्छा
SR No.538052
Book TitleAnekant 1999 Book 52 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmachandra Shastri
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1999
Total Pages170
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size5 MB
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