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अनेकान्त/
मतभेदों के मूल तक पहुँचने का प्रयास अपेक्षित है।
जैन मान्यतानुसार पार्श्वनाथ के २५० वर्ष बीत जाने पर भगवान् महावीर का जन्म हुआ था। उत्तरपुराण में गुणभद्राचार्य ने लिखा है -
'पार्श्वेशतीर्थसन्ताने पञ्चाशत् द्विशताव्दके। तदभ्यन्तवायुर्महावीरोऽत्र जातवान् ।।२१
वीरनिर्वाण सम्वत् और ईस्वी सन् में ५२७ वर्ष का अन्तर है। तीर्थकर महावीर की आयु कुछ कम बहत्तर वर्ष की थी। वहीं कहा गया है - ____ 'द्वासप्ततिसमाः किञ्चिदनास्तास्यायुषः स्थितिः। २२ ।
अतएव ५२७ + ७२ = ५६६ वर्ष ईस्वी पूर्व में भगवान् महावीर का जन्म हुआ था। भगवान महावीर के जन्म के २५० वर्ष पूर्व अर्थात् ५६६ + २५० = ८४६ वर्ष ईस्वी पूर्व में तीर्थकर पार्श्वनाथ का निर्वाण और उससे १०० वर्ष पूर्व अर्थात् ६४६ ईस्वी पूर्व में उनका जन्म हुआ था। इस प्रकार दिगम्बराचार्य गुणभद्र के अनुसार पार्श्वप्रभु का जन्म ईस्वी पूर्व दसवीं शताब्दी का मध्य तथा निर्वाण ईस्वी पूर्व नौवीं शताब्दी का मध्य ठहरता है। आवश्यक नियुक्ति की मलयगिरिवृत्ति के अनुसार भी लगभग यही काल निकलता है।
पार्श्वनाथ का तीर्थकाल २५० वर्ष माना है। यह दिगम्बर और श्वेताम्बर दोनों परम्पराओं को स्वीकार्य है। तिलोयपण्णत्ति में उल्लेख है कि भगवान पार्श्वनाथ बाईसवें तीर्थकर नेमिनाथ के ८४६५० वर्ष बाद और चौबीसवें तीर्थकर महावीर के २७८ वर्ष पहले उत्पन्न हुये थे। इस आधार पर भी उपर्युक्त काल समीचीन सिद्ध होता है। क्योंकि यह २८ वर्ष का अन्तर महावीर की ७२ वर्ष की आयु से पार्श्वनाथ की आयु १०० वर्ष की होने के कारण है।
__एस. सी. रायचौधरी ने लिखा है कि जैन तीर्थकर पार्श्व का जन्मकाल ८७७ ईस्वी पूर्व और निर्वाण काल ७७७ ईस्वी पूर्व है। यह काल महावीर के निर्वाण से पार्श्वनाथ के निर्वाण में २५० वर्ष का अन्तर मानने पर निकलता है। श्री पण्डित जुगलकिशोर मुख्यार जी भी महावीर के निर्वाण से २५० वर्ष पूर्व पार्श्वनाथ का निर्वाण मानते हैं।२४ यतः यह तथ्य सुस्पष्ट