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________________ अनेकान्त/७ इन पंक्तियों से स्पष्ट है कि हेमचन्द्राचार्य ने पार्श्वनाथ को अकृतोद्वाह (अविवाहित) तथा महावीर को कृतोद्वाह (विवाहित) माना। किन्तु जब वे ही पार्श्वनाथ का चरित्र लिखने लगे तो उन्हें सम्प्रदाय व्यामोह जाग उठा तथा उन्होंने पार्श्वनाथ को विवाहित मानने का स्ववदतोव्याघात प्रयास किया। शीलांक ने जरूर चउपन्नमहापुरिसचरियं में स्पष्ट उल्लेख किया है कि प्रसेनजित् राजा ने अपनी प्रभावती नाम पुत्री पार्श्व को दी थी। पश्चाद्वर्ती श्वेताम्बर ग्रन्थकार इसी परम्परा को अपनाते रहे। तीर्थकर पार्श्वनाथ ने ३० वर्ष की अवस्था में दीक्षा ग्रहण की थी। तिलोयपण्णत्ति के अनुसार यह तिथि माघ शुक्ला एकादशी का पूर्वाह्न थी। उस समय भी विशाखा नक्षत्र का योग था।१६ गुणभ्रदकृत उत्तरपुराण और पुष्पदन्तकृत महापुराण में भी यही दीक्षातिथि मानी गई है। श्वेताम्बर परम्परा के सुप्रसिद्ध आचार्य हेमचन्द्र में त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित में तथा पद्मसुन्दर ने श्रीपार्श्वनाथ चरित में पार्श्वनाथ की दीक्षातिथि पौषकृष्ण एकादशी उल्लिखित की है।१० सम्पूर्ण श्वेताम्बर परम्परा पार्श्वनाथ के केवल ज्ञान की तिथि चैत्र कृष्णा चतुर्थी मानती है। दिगम्वर परम्परा के तिलोयपण्णत्ति में भी कहा गया है कि दीक्षा ग्रहण करने के चार माह पश्चात् चैत्र कृष्णा चतुर्थी की पूर्वाह्र में विशाखा नक्षत्र के योग में पार्श्व प्रभु को केवलज्ञान हुआ। किन्तु गुणभद्रकृत उत्तरपुराण और पुष्पदन्तकृत महापुराण में पार्श्वनाथ भगवान् के केवलज्ञान प्राप्ति की तिथि चैत्र कृष्णा त्रयोदशी कही गई है। एक ही परम्परा में भी यह अन्तर कैसे आया? यह एक विचारणीय बिन्द है। पार्श्वनाथ भगवान् की कुल आयु १०० वर्ष थी, जिसमें ३० वर्ष उनका कुमार काल रहा था तथा ७० वर्ष दीक्षित काल रहा। उनके प्रथम शिष्य का नाम श्वेताम्बर परम्परा में आर्यदत्त आया है तथा दिगम्बर परम्परा में स्वयंभू । इसी तरह प्रथम शिष्या का नाम श्वेताम्बर परम्परा में पुष्प-चूला आया है, जबकि दिगम्बर परम्परा में सुलोचना । दिगम्बर परम्परा के अनुसार पार्श्वनाथ की निर्वाणतिथि श्रावण शुक्ला सप्तमी है, जबकि श्वेताम्बर परम्परा उनकी निर्वाणतिथि श्रावण शुक्ला अष्टमी मानती है। इन सम्प्रदायगत
SR No.538052
Book TitleAnekant 1999 Book 52 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmachandra Shastri
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1999
Total Pages170
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size5 MB
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