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१२, बर्ष ४६, कि. २
अनेकान्त
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भव्य
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अशुद्ध उदय और स्थान मनःपर्यय ज्ञानवत
उदय और सत्त्वस्थान मनःपर्यय ज्ञानवत् मार्गणा बन्धस्थान गत प्रकृति मार्गणा बन्ध स्थान गत प्रकृति सख्या का विवरण
सख्या का विवरण परिहार विशुद्धि २८, ६, ३० व ३१ परिहार विशुद्धि २८, २९, ३०, ३१ लेश्या मार्गणा बन्ध स्थान गत प्रकृति लेश्या मार्गणा बन्ध स्थानगत प्रकृति सख्या का विवरण
सख्या का विवरण पीत लेश्या २५, २६, २८, २९, ३०, पीत लेश्या २५, २६, २८, २९, व १ प्रकृतिक
३०, ३१ मार्गणा उदय स्थान गत प्रकृति __ मार्गणा उमेय स्थान गत प्रकृति सख्या का विवरण
सख्या का विवरण २१२४, २५, २६, २७, २८, भव्य २०, २१, २४, २५, २६, २७,
२९, ३०, ३१, १० व ९ प्रकृतिक २८, २९, ३०, ३१, ६, ८ प्रकृति सत्त्व स्थान सत्त्व स्थान गत प्रकृति सत्त्व स्थान सत्त्व स्थान गत प्रकृति संख्या सख्या का विवरण
सख्या सख्या का विवरण ६३, ६२, ६१,६०,८८,
६३, ६२, ६१,९०,८८, ८४,८२,८०,७६,७८,
८४,८२, ८०, ७६, ७८, ७७ प्रकृतिक
७७, १०, ६ प्रकृतिक बन्ध
बन्ध
बन्ध स्थान गत प्रकृतिस्थान
स्थान संख्या का विवरण संख्या
सख्या उदय
उदय उदय स्थान गत प्रकृति स्थान
स्थान सख्या का विवरण सख्या
संख्या सत्त्व
सत्त्व सत्त्व स्थान गत प्रकृति स्थान
स्थान संख्या का विवरण सख्या
सख्या १० प्रकृति का होता है
१. प्रकृति का सत्त्व होता है। उधोत, आतप व उच्छ्वास सहित
उद्योत या आताप सहित २६, अथवा २६ प्रकृतिक
उच्छ्वास पर्याप्ति से पर्याप्त जीव के उच्छ्वास सहित [तथा आताप उबोत
रहित] २६ प्रकृतिक
[देखो-धवला ७/३५ से ३६ के आधारहर] ८२ प्रकृतिक चार स्थान हैं।
८२ प्रकृति पाँच स्थान हैं। आधेय
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११-१३ II नक्शे का III कोठा
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11 नक्शे का V कोठा
११-१३ "II नक्शे का VII कोठा
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बाधेय