________________
गोम्मटसार कर्मकाण का शुद्धि पत्र
७१२
७२४
७२४
७३४ ७३४
७४०
-MAGGA60xx
७४६
७५८ ७६१
а
л
पंक्ति अशुद्ध १७-२० सत्त्व स्थान सत्त्व स्थान गत प्रकृति उदय स्थान उदय स्थान गत प्रकृति संख्या संख्या का विवरण
संख्या सख्या का विवरण साम्परायिक ६ व ईर्यापथ आस्रव
साम्परायिक व ईर्यापथ आस्रव कामण काययोग
कार्माण काययोग हाता है
होता है चार जगह ३ का
चार की जगह ३ का सव भंग
सर्व मंग हाते हैं
होते हैं ३६.२४+१५ लन्ध आया
३६०.२४%१५ लब्ध आया अनुपम सुख किन्तु
अनुपम सुख है किन्तु युक्त, दोनो
युक्त, क्षय से युक्त दोनो जीवत्व और इस प्रकार
जीवत्व और भव्यत्व इस प्रकार एक एक सख्या रूप
एक-एक कम सख्या रूप गुणकार [१+४+५+३]
गुणकार [१+४+५+२] सद्धों मे
सिद्धों मे ये पांच गुणकार रूप
ये छह गुण कार रूप मिलाने से [१२४८+१४] ११० भंग [८x१२+१४]%११० भंग होते हैं। होते हैं गुणा करने और
गुणा करके गुणनफल मे और शेष २८ हैं
और क्षेप २८ है। गति, लिङ्ग व लेश्या रूप तीन है
गति, कषाय लिङ्ग व लेश्या रूप चार हैं। प्रत्येक द १६
प्रत्येक द १६ १४-२० पण्णठ्ठ प्रमाण
पण्णी प्रमाण अज्ञान के ४०१३
अज्ञान के ४०६६ जीवत्व के १०६४
जीवत्व के १०२४ कारण सूत्र के
करण सुत्र के कारण सूत्र के
करण सूत्र के अंतिम पक्ति चय धन का जोड़
पद धन १२ पद गुरिणब होदि
पदगरिणद होदि नोट:-पृष्ठ ८२२ में द्वितीय पंक्ति में जो "आदि चय" शब्द है वह 'आदि धन' अर्थ मे है।
इस क्रम से शिक्षा से जालायं है
शिखा से जलाये हैं। २१ अन्योन्याभ्यस्त ये छह
अन्योन्याभ्यस्त राशि ये छह
л
७८७
७८७
. .
- .
- .
- .
.
८२१ ८२१ ८२१
५२६
१२ ९३७