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२०, वर्ष ४६, कि.१
अनेकान्त २३४६० सें. मी. आकार की सिर विहीन (सं. क्र. १) ६५४६५ सें. मी. आकार की स्तम्भ युक्त आलिन्द में पद्मासन मे तीर्थङ्कर प्रतिमा अकित है।
(स. क्र. ३०) कायोत्सर्ग मुद्रा मे तीर्थंकर प्रतिमा अकित कायोत्सर्ग मुद्रा मे निर्मित लांछन विहीन तीर्थङ्कर अंकित है। तेरहवीं ६० X ३५ सें. मी. आकार का सिर गकाईस प्रतिमायें जिला संग्रहालय मुरैना मे सुरक्षित है। विहीन कायोत्सर्ग मुद्रा मे तीर्थकर है (सं. क्र. ६४) दोनों प्रथम ९५४५८ सें. मी. आकार की स्तम्भ युक्त अलिन्द हाथ टूटे हुए हैं। चौदहवी ८३४ ३६ सें. मी. सिर विहीन मे (स. क्र. २) कायोत्सर्ग मुद्रा मे तीर्थकर बैठे हुए है। कायोत्सर्ग मुद्रा मे तीर्थकर (स. क्र. ५१) पादपीठ सिंह द्वितीय ०४६० सें. मी आकार की स्तम्भ युक्त अलिन्द आकृतियाँ एवं कायोत्सर्ग मे जिन प्रतिमाएं हैं। पन्द्रहवी में (स. क्र. ६) कायोत्सर्ग मुद्रा में तीर्थङ्कर प्रतिमा अकित ५७४ ३३ सें. मी. सिर विहीन कायोत्सर्ग मुद्रा मे (स. है। तृतीय १००-३५ सें. मी. आकार की कायोत्सर्ग मे क्र. ६०) तीर्थकर की बायी भुजा एवं पर भग्न है। तीर्थकर के वितान का ऊपरी भाग एवं बायी भुजा खडित सोलहवी ३०x२० सें. मी. सिर विहीन कायोत्सर्ग मुद्रा है (स.क्र.८) पादपीठ पर चतुर्भुजी देवी अंकित है। (सं. क्र. १२०) मे तीर्थकर प्रतिमाएं हैं। सत्रहवी ४०x चौथी १५०x४७ सें. मी. आकार के स्तम्भ पर कायो- २० सें. मी. आकार को खण्डित अवस्था मे कायोत्सर्ग सर्ग मुद्रा में खडित (स. क्र. ६) मुख युक्त तीर्थङ्कर पाद- मुद्रा मे (स. क्र. १७८) तीर्थकर प्रतिमा का अकन है। पीठ पर बहभजी देवी प्रतिमा बैठी है। पांचवी १३०४ अठारहवी १३५४३० सें. मी. आकार की स्तम्भ यक्त ३० सें. मी. आकार की स्तम्भ युक्त अलिन्द मे कायोत्सर्ग आलिन्द मे कायोमर्ग मुद्रा मे तीर्थ कर (स. . २२२ (सं.क्र.१०) मुद्रा में मुंह एवं भुजायें भग्न तीर्थङ्कर वितान, छत्रावली विद्याधर युगल, पद्मासन जिन प्रतिमाएं अकित है। वितान मे छत्रावली एवं पद्मासन व कायोत्सर्ग पार्श्व मे कायोत्सर्ग मुद्रा मे जिन प्रतिमाओं का अकन है। नद्रा मे जिन प्रतिमायें अकित हैं। छठी १५५४४० सें. उन्नीसवी १३५४३० सें मी. आकार की स्तम्भ यक्त मी. आकार की स्तम्भ मे कायोत्सर्ग में खडित भुजाओ आलिन्द (सं. क्र. २२) में कायोत्सर्ग मुद्रा में तीर्थंकर यक्त (सं. ऋ. १२) तीर्थकर वितान मे छत्रावली, पादपीठ प्रतिमा की बायी भुजा खण्डित है। वितान मे पदमासन पर चतुर्भजी देव अंकित है। सातवी १३०-३५ सें. मी. मे दो जिन प्रतिमा अकित है। बीसवी १३५४३० सें. आकार की कायोत्सर्ग मुद्रा में तीर्थंकर (सं क्र.१३) की मी. आकार को कायोत्सर्ग तीर्थकर (सं. २ दोनो भजायें खहित हैं एवं मति दो भागो में निर्मित है। भुजाएँ खडित हैं। वितान में पदमासन एव कायोत्सर्ग में आठवी १३०-३५ से. मी. आकार की सिर विहीन जिन प्रतिमायें अकित हैं । इक्कीसवी १३५४३० सें. मी. कायोत्सर्ग मद्रा मे तीर्थकर (स. क्र. १५) पादपीठ पर आकार की कायोत्सर्ग मुद्रा में तीर्थकर अकित है। (स. चतर्भजी देवी अकित है। नौवी ८.४६४ सें. मी. क्र. २२५) पादपीठ पर चतुर्भुजी देवी का अफन है। आकार की स्तम्भ युक्त आलिन्द मे कायोत्सर्ग मुद्रा में वितान मे छत्रावली एव पद्मासन और कायोत्सर्ग मे जिन (स. क्र. २०) तीर्थकर प्रतिमा अकित है। दसवी ६५४ प्रतिमाये है। ६४ सें. मी. आकार की स्तम्भ युक्त आलिन्द मे (सं. क्र. उपरोक प्रतिमाओं के अतिरिक्त ३०-३५ सं.मी. २५) कायोत्सर्ग तीर्थकर प्रतिमा अंकित है। ग्यारहवी आकार की (स. क्र. १८४) तीर्थकर प्रतिमा एव ७७४ ८५४३२ सें. आकार की सिर बिहीन कायोत्सर्ग मुद्रा मे ३२ सें. मी. आकार की सिर विहीन तीर्थंकर के दोनो तीर्थकर के पादपीठ पर (स. क्र. ६२) चतुर्भुजी देवी पाश्व मे चावरधारी अकित है। पादपीठ पर चतर्भजी प्रतिमा व नागरी लिपि मे लेख उत्कीर्ण है। बारहवीं देवी प्रतिमा एव कायोत्सर्ग मे जिन प्रतिमा अकित है।
सन्दम-सूची १. शिलालेख शुद्ध पाठ:
ग्वालियर १९८३, पृ. २१-२२ । तस्यक्षिति स्वर वरस्य पुर समस्ति ।
४. पाठक नरेश कुमार "मुरैना जिले के प्राचीन स्थल" विस्तीर्ण शोभम मितोपी च होम सशम् ।।
केशव प्रयास संस्कृति विशेषाक ग्वालियर वर्ष ५, २. द्विवेदी हरिहर निवास "स्वालियर राज्य के अभि- अक ६, १९८१, पृ. ८८ । लेख" ग्वालियर १९४८, पृ. ११ क्र. ५४।
तिवारी मारुति नन्दन प्रसाद "जैन प्रतिमा विज्ञान" 1. पाण्डेय एल. पी. दुबकुण्ड के कच्छपघात 'अन्वेषिका' वाराणसी १९८१, पृ. ८८।