SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 22
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ दुबकुण्ड की जैन स्थापत्य एवं मूर्तिकला सं. १११३ (ईस्वी सन् १०५६) का लेखा उत्कीर्ण है। १०५ (ईस्वी सन् ११४८) का लेख उत्कीर्ण है। प्रतिमा प्रतिमा का आकार ८५४३५ से. मी. है। का आकार ७०४३७ सें. मी. है। शान्तिनाथ :-जिला सग्रहालय मुरैना में सोलहवें तोथंकर पट:-जिला संग्रहालय मुरैना में दुबकुंड तीर्थकर शान्तिनाथ की दुबकुण्ड से प्राप्त स्तम्भ से अलंकृत के चार तीर्थङ्कर पट्ट हैं। प्रथम ६०४३० सें. मी.के पाषाण पर (स. क्र. २२०) कायोत्सर्ग मुद्रा में शिल्पांकित आकार के पट्ट पर (स.क्र.६५) कायोत्सर्ग मदा से है । तीर्थङ्कर का मुख एव दोनों हाथ खण्डित है। पाद- तीर्थङ्कर अकित है। इस आकृति को जिन सहस्र भी कहा पीठ पर चतुर्मखी देवी सहचरो के साथ अकित है। जा सकता है। दूसरी ३१४३० से. मी. के पाषाण स्वर वितान मे छत्रावली जिसके ऊपर पद्मासन मे तीर्थ हर का पर (स. क्र. ७१) आलिन्द मे पचामन एक कायोत्सर्ग में आलेखन है। दोनों ओर चामरधारी अकित है। प्रतिमा तीर्थकर अकित है। तीसरी २०x२७ से. मी. आकार का आकार ६३ x ३७ सें. मी. है। की प्रतिमा मे तीन पद्मासन (स. क्र. १४५) एवं तीन मनि सवतनाथ:-ऐबकूण्ड की जिला संग्रहालय कायत्सिग में जन प्रतिमाएं अकित है। चौथी . मरैना मे सरक्षित बीसवें तीथंकर मुनि सुव्रतनाय प्रतिमा सें. मी आकार (स. क्र. ७२) प्रतिमा में पासन एव पादपीठ पर ध्वज लांछन कम एव सिंह (स. क्र. ५५) कायोत्सर्ग मुद्रा मे तीर्थङ्कर प्रतिमाओ का आलेखन है। यालो का आलेखन है। दोनो ओर चामरधारी कित पाँचवी २५४२० सें. मी. आकार के पद पर भी पपासन है। प्रतिमा का आकार ६३४३७ से. मी. है। एग कायोत्सर्ग मुद्रा (स. क्र.११८) मे तीर्थडर का नेमिनाथ:-जिला सग्रहालय मुरैना मे बाईसवें आलेखन मनोहारी है। तीर्थकर नेमिनाथ की दुबकुण्ड से प्राप्त कायोत्सर्ग मुद्रा में लांछन विहोन तीर्थकर:-जिला सग्रहालय मुरैना अकित प्रतिमा सुरक्षित है। मूर्ति मे चावरधारी एव मे दुबकुष्ट से प्राप्त पपासन एग कायोत्सर्ग मदा निर्मित चतर्भजी देवी प्रतिमा का आलेखन है। प्रतिमा का आकार प्रतिमा सुरक्षित हैं। पपासन निर्मित आठ प्रतिमाएं हैं। १३० x ४० सें. मी. है। प्रथम ४६४५८ सें. मी. आकार को सिर विहीन पद्मासन पार्श्वनाथ:-जिला संग्रहालय मुरैना मे तेईसवें तीर्थङ्कर (स. क्र.७६) पादपीठ पर विक्रम सवत १२२८ तीर्थकर भगवान पार्श्वनाथ कायोत्सर्ग मे अकित प्रतिमा (ईस्वी सन् ११७१) का लेख उत्कीर्ण है। दूसरी १८४ सुरक्षित है। (स. क्र. ८२) तीर्थपुर के सिर ऊपर सप्त- ६४ सें. मी. आकार की पपासन मे तीथपुर प्रतिमा का रुण नागमोलि का आलेखन है। पार्श्व मे चावरधारियों कमर से ऊपर का भाग भग्न है (स. क्र.७१) पादपीठ का आलेखन मनोहारी है । प्रतिमा का आकार ६५४३० पर विक्रम संवत् १२०२ (ईस्वी सन् ११४५) का लेख सें. मी. है। उत्कीर्ण है। तीसरी ३५४३५ से. मी. आकार की सिर महाबोर:-चौबीसवें तीर्थकर भगवान महावीर विहीन पद्मासन (स. क्र. १५०) मे तीर्थङ्कर प्रतिमा बैठी की जिला सग्रहालय मुरैना में दुबकुष्प से प्राप्त दो प्रति है। चौथी ४०-३० सें. मी. आकार की आलिन्द के माओ का संग्रह है। प्रथम स्तम्भ के मध्य कायोत्सर्ग में अन्दर बडित (स. क्र. १७२) अवस्था मे पपासन मे महावीर ध्यानस्थ मुद्रा मे अकित हैं। (सं. क्र. २२१) तीर्थपुर अकित हैं। पांचवी ४.४३० सें. मी. माकार पादपीठ पर चतुर्भजी देवी दोनों हाथो मे कमल की की स्तम्भ युक्त आलिन्द के अन्दर पपासन में तीर्थकर पंखडिया लिए बैठी ई हैं। वितान मे छत्रावली पपासन (सं. क्र. १७७) पाश्र्व मे दोनों ओर कायोत्सर्ग में जिन मे जिन प्रतिमाओ का आलेखन मनोहारी है। प्रतिमा का प्रतिमायें अकित हैं। छठवी ३०-३५ सें. मी. आकार प्राकार १६५४३५ सें. मी. है। __ का पासन मुद्रा मे (स. क्र. १६५) तीर्थङ्कर प्रतिमा दूसरी मे भगवान महावीर स्वामी का पादपीठ (सं. अकित है। सातवी ३०४३५ सें. मी. आकार की पदमाक्र.१६) परिचर सहित है। जिस पर विक्रम संवत् सन (सं.क्र. २१०) मुद्रा में तीर्थकर अकित है। आठवी
SR No.538046
Book TitleAnekant 1993 Book 46 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmachandra Shastri
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1993
Total Pages168
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy