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________________ वीर सेवा मन्दिर का मासिक अनेकान्त (पत्र-प्रवर्तक : प्राचार्य जुगल किशोर मुख्तार 'युगवीर') वर्ष ४१: कि०२ अप्रैल-जून १९८८ इस अंक मेंक्रम विषय १. श्री सुपार्श्वनाथ जिन-स्तवन २. ५० टोडरमल स्मारक ट्रस्ट-डीड संशोधन-प्रसग ३. दिगम्बर आगम रक्षा-प्रसंग ४. पार्ष-भाषा को खडित न किया जाय -श्री पपचन्द्र शास्त्री ५. श्री कुन्दकुन्द का विदेह गमन --श्री रतनलाल कटारिया ६. राजस्थानी कवि ब्रह्मदेव के तीन ऐतिहासिक पद-डॉ० कस्तूरचन्द कासनीवाल ७. मध्य-प्रदेश का जैन केन्द्र सिहोनिया ---डॉ० कस्तूरचन्द्र 'सुमन' ८. जैन कवि विनोदीलाल की अचचित रचनाएं -डॉ० गंगाराम गर्ग ६. द्वादशानुप्रेक्षा--डॉ० कु. सविता जैन १०. दशवी शताब्दी के अपभ्र श काव्यों में दार्शनिक समीक्षा-श्री जिनेन्द्रकुमार जैन उदयपुर २५ | १०. जरा सोचिए : -सम्पादक प्रकाशक: वीर सेवा मन्दिर, २१ दरियागंज, नई दिल्ली-२
SR No.538041
Book TitleAnekant 1988 Book 41 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmachandra Shastri
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1988
Total Pages142
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size8 MB
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