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घोर सेवा मन्दिर का त्रैमासिक
अनकान्त
(पत्र प्रवर्तक : प्राचार्य जुगल किशोर मुख्तार 'युगवीर') वर्ष ४० कि.१
जनवरी-मार्च १६७
क्रम
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इस अंक में
विषय १. अनेकान्त-महिमा २. जैन परम्परा में भगवान राम एवं राम-कथा __ का महत्त्व-- डा० ज्योति प्रसाद जैन ३. हिन्दी जैन महाकाव्यों में श्रृंगार रस
-डा. कु० इन्दुराय जैन, लखनऊ ४. मूलाचार और उसकी आचार-वृत्ति
-सिद्धान्तशास्त्री प० श्री बालचन्द्र जैन ५. सिरसा से प्राप्त जैन मूर्तिया
-श्री विद्या सागर शुक्ल ६. सिद्धा ण जीवा
-श्री पद्मचन्द्र शास्त्री, नई दिल्ली जरा सोचिए मे : १. अपरिग्रह की जीवित मूर्तियो की रक्षा २. विद्वानो की रक्षा और वृद्धि ३. तीर्थ-क्षेत्र रक्षा ४. आविष्कारों का उपयोग
-सम्पादकीय
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प्रकाशक :
वीर सेवा मन्दिर, २१ दरियागंज, नई दिल्ली-२