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________________ धौर सेवा मन्दिर का त्रैमासिक अनेकान्त (पत्र-प्रवर्तक : प्राचार्य जुगल किशोर मुख्तार 'युगवीर') वर्ष ३९: कि०१ (पुग्मांक ) जनवरी-मार्च १९८६ इस अंक में विषय १. आदिनाथ जिन-स्तवन २. परिग्रह की घुसपैठ में अहिंसा की लाक्षणिक हत्या श्री पपचन्द्र शास्त्री, दिल्ली ३. पुरुदेव-चम्मू का आलोचनात्मक परिशीलन -डा. कपुरचन्द जैन, खातौली ४. अपभ्रंश साहित्य की एक अप्रकाशित कृति : पुण्यासव कहा -डा. राजाराम जैन आरा ८ ५. धर्मसार सतसई : श्री कुन्दनलाल जैन दिल्ली ६. कस्तूरी मग : डा० सविता जैन ७. जैन विद्याओं में शोध एक सर्वेक्षण -डा. नन्दलाल जैन, रीवा ८. आयुर्वेद मे अनेकान्त : -आचार्य राजकुमार जैन, दिल्ली ६. णायकुमार चरिउ में प्रतिपादित धर्मोपदेश -डा० कस्तूरचद 'सुमन', श्री महावीर जी २६ १०. परिग्रह मोह में पंचवतों के नाम बदलाए । -श्री पप्रचन्द्र शास्त्री, नई दिल्ली ११. जरा सोचिए-सम्पादकीय १२. भगवान महावीर प्रथम देशना-राजगृही आ.पृ०२ ३ प्रकाशक वोर सेवा मन्दिर, २१ दरियागंज, नई दिल्ली-२
SR No.538039
Book TitleAnekant 1986 Book 39 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmachandra Shastri
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1986
Total Pages144
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size8 MB
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