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________________ सारस्वत व्याकरण या सारस्वत प्रक्रिया की रचना अनुभूति स्वरूपाचार्य ने सं० १२५० मे पं० बोपदेव क्याकरण के बाद की थी। यह व्याकरण अपने समय में इतनी प्रचलित एवं प्रसिद्ध हुई कि लगभग ५३ विद्वानों ने इसकी विभिन्न नामों से टीकायें रची। इनमे से लगभग घा टीकाकार तो जैन विद्वान ही थे। यहां हम सारस्वत व्याकरण की सभी उपलब्ध टीकाघ्रों, टीकाकारों एवं उनके रचनाकाल की संक्षिप्त सूची प्रस्तुत कर रहे है— क्रम सं० टीका नाम टीका १. २. ३. ४. ५. ६. सारस्वत व्याकरण के टीकाकार और मफर-उल-मलिक पंजराज श्रीमाल [C] श्री कुन्दनलाल जैन, प्रिन्सिपल, दिल्ली टीका १६७२ से पूर्व सारस्वत के तर्क तिलक ७. 33 21 .. " ८. ε. १०. ११. १२. १३. १४. ढूढिका " 33 ار १५. दीपिका १६. सारस्वत धातुपाठ टीकाकार का नाम क्षेमेन्द्र धनेश्वर अनुभूति स्वरूप अमृत भारती पुजराज श्रीमाल सत्य प्रबोध माधव भट्ट चन्द्रकीर्ति रघुनाथ मेघरत्न वि. सं. १२६० १२७५ चन्द्रकीति सूरि नागपुरीय तपागच्छ के हर्षकीर्ति, शिष्य चन्द्रकीति के नागपुरीय तपागच्छीय " 11 मडन वासुदेव भट्ट राम भट्ट मेघरत्न शिष्य विनय सुन्दर के बृहत्वरतर गच्छीय " 11 21 " 11 १६०० १६१४ से पूर्व " १६३२ . " 21 रचनाकाल " " १३०० १५५० से पूर्व १५५० १५५६ से पूर्व १५६१ १६०० १६३४ १६३५ के लग. १६४१ १६६४ १६६३ १७. १८. रूपान्तरकार भट्टाचार्य टीका भट्ट गोपाल माधव तर्क तिलक रि सहजकोति शिष्य हेमचन्द्र के खरतर गच्छीय १९. २०. २१. ढूढ़िका २२. २३. टिप्पणिका क्षेमेन्द्र शिष्य हरिभद्र के ज्ञान तिलक २४. सिद्धान्त चन्द्रिका टीका 13 "1 काशीनाथ भट्ट ज्ञानतीर्थ हंस विजयगण हर्ष की लोकेशकार ३२. चन्द्रकोद्वार स्वोपज्ञ रूप रत्नमाला ३३. ३४. न्यास ३५. न्यास ३६. ३७. पंजिका ३८. भाष्य विवरण " " " 11 37 ܕܕ २५. २६. २७. २८. 71 २६. ३०. १७४१ , १७४१ १७६६ ३१. शब्दार्थ चन्द्रिका हंस विजय शिष्य विजयानन्द सूरि तपागच्छीय के रामाश्रम सदानन्द हम विजय शिष्य विजयानन्द सूरि तपागच्छीय के " " 13 १६७२ से पूर्व १६७२ १६८० १६७७ ور १६८१ १६६२ १७०४ १७०४ १७०८ १७१७ नय सुन्दर शिष्य धनरतन के रत्न हर्ष और हेमरतन जगन्नाथ धर्मदेव भानुचन्द्र गणितथा उनके शिष्य सिद्धिचन्द्रमणि तपागच्छीय ने इसे राशोधित किया था ।
SR No.538030
Book TitleAnekant 1977 Book 30 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGokulprasad Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1977
Total Pages189
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size10 MB
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