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तीर्थंकरों की प्राचीन रत्नमयी प्रतिमायें : विविध सन्दर्भ
0 श्री दिगम्बरवास जैन, एडवोकेट, सहारनपुर जैन वाङ्मय के विभिन्न ग्रन्थरत्नों में जैन तीर्थंकरों प्राप्त कर लेते हैं, कर पाते हैं। की भनेकानेक कृत्रिम और प्रकृत्रिम रत्नमयी बहुमूल्य
-जयमालपंचमेरु पूजा प्रतिमानों के विविध सन्दर्भोल्लेख प्राप्त होते हैं। जिनमें ३. प्रारम्भिक कृषिकाल में स्वर्ग के इन्द्र ने चार भयोध्या कतिपय विशेष उल्लेखनीय हैं
जी के चारों कोनों पर और एक बीच में भरहन्तों १. नंदीश्वर द्वीप मे भरहंतों के बावन प्रकृत्रिम चैत्या
के पांच जैन मन्दिर निर्माण किए और उनमें रत्नों लय हैं। प्रत्येक में विशाल रत्नमयी प्रकृत्रिम परहंत
की प्रत्यन्त मनोज्ञ प्रतिमा स्थापित की। भगवान की प्रतिमायें अनादिकाल से ऐसी मनोज्ञ हैं
-हरीवंश पुराण कि जिनकी वन्दना का गौरव केवल स्वर्ग के सम्यग. ४. भरत चक्रवर्ती ने कृषिकाल मे प्रथम तीर्थंकर ऋषभ. दृष्टि देव ही कर सकते हैं । यदि उनके साथ कोई देव से चौबीस तीर्थंकरों के गुण सुनने से प्रभावित मिध्यादृष्टि देव चला जावे तो वह भी सम्यग्दृष्टि होकर ऋषभदेव को निर्वाणभूमि कैलाश पर्वत पर हो जाता है, इतनी अतिशयपूर्ण है।
२४ तीर्थकरो के अलग अलग रत्नमयी मन्दिर बन__-- जयमाल नन्दीश्वर दीपपूजा वाये और उनमे रत्नों की चौबीस तीर्थंकर प्रतिमायें
स्थापित की। २. पंचमेरु पर ५२ प्रकृत्रिम चैत्तालय हैं जिनमें रत्न
दूसरे तीर्थकर अजितनाथ के तीर्थकाल में विश्व. मयी अत्यन्त मनोज्ञ प्रहन्तों की प्रकृत्रिम प्रतिमायें
सम्राट सगर ने अपनी राजधानी में तीर्थकरों के हैं, जिनकी वंदना केवल स्वर्ग के देव, चारण मुनि व
सोने के मन्दिर बनवाकर हीरों की प्रतिमायें विराजप्राकाशगामिनी विद्या के घारी विद्याघर तथा वे
मान की। धर्मात्मा मनुष्य जो उनके साथ जाने का अवसर ६. राव ने लका में अपने महल में तीर्थकर शान्तिनाथ १(क) On Asta Pada (Kailash) mountain made images and used to warship them Risabha attained Nirvan. Near His
and the 2nd universal monarch Sagar cremation ground Bharat (Universaj also warshipped these 24 Tirthankaras. King at whose name our country is
-Maha Puran. called Bharat) created temples of Jewelled slabs with statues of 24 Jinas (Tir.
१(ग) All knowing Risabha predicated birth thankaras). Dr. U. P. Shah : Studies in of 24 Tirthankaras before their advent Jaina Art. P. 216.
centuries before. Consequently, Bharat १(ख) The first universal monarch Bharat after the paramount monarch first got cons
as certaining accounts of 24 Tirthankaras tructed images of all the 24 Tirthankafrom the ominiscient Tirthankaras Ri- ras on the summit of Mount Kailas in sabha constructed 24 Jaina temples, one Hamalaya-v.0.A. Vol.x, Vol.x (1960) of each 24 Tirthankaras with their Jewel P. 305.