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________________ ७४, वर्ष २६, कि०२ भनेकान्त ये संवर कारण निर्दोष एकत्त्व-अनंत काल गति गति दुख लहौ संवर करै जीव को मोष । बाकी काल अनंतौ कही। निर्जरा-तप बल पूर्व कर्म खिर जाहि सदा अकेलो चेतन एक नए ज्ञान बल आवै नाहिं । ते माही गुण बसत अनेक ।।४ यही निर्जरा सुखदातार अन्यत्त्व-तू न किसी का कोई न तोय भव कारन तारन निर्धार । तेरा सुख दुख तोको होय । लोक-स्वयंसिद्ध त्रिभवन चित जान याते तो को तू उर धार कटि कर धरै पुरुष सठान । परद्रव्यन से मोह निवार ।।५ भ्रमत अनादि आत्मा जहाँ । अशुचि-हाड़ मांस तन लिपटी चाम समकित बिन शिव होय न तहाँ ।। रुधिर मूत मल पूरित धाम । बोधिदुर्लभ-दुर्लभ धर्म दशांग पवित्त सो भी थिर न रहे छय होय सुखदायक सहगामी नित्त। याको तजै मिल शिवलोय ॥६ दुर्गति परत यही कर यहै प्रास्रव-हित अनहित तन कुल जन माहि देय स्वर्ग शिव थानक गहै । खोटी बान हरो क्यों नाहि । सुलभ जीव को सब सुख सदा याते पुद्गल करमन याग नौवेयक तॉई मंपदा । प्रणव दायक सुख दुख रोग ।।७ बोधि रतन दुर्लभ ससार सवर-पाचो इन्द्रिय का तज फल भव दरिद्र दुख मेटनहार ।। चित्त निरोधि लागि शिव गल । ये दस दोय भावना भाय तुम में तेरी तू कर शैल दिढ़ वैराग भए जिनराय । रहयो कहा ह्व कोल्हू बेल ।।८ देहु भोग ससार सरूप निर्जरा-तज कषाय मन की चल चाल सब असार जानो जगभूप ।। घ्यावो अपना रूप रसाल । कविवर बुधजन कृत बारह भावना झर करम बन्धन दुख दान (छहढाला, पहली ढाल से) बहुरि प्रकाशै केवल ज्ञान ॥ अनित्य-आयु घटत तेरी दिन रात लोक-तेरौ जनम हुओं नहि जहाँ हो निश्चिन्त रहो क्यों भ्रात। ऐसो खतर हे हि कहाँ । यौवन धन तन किकर नारि । याही जनम भूमिका रचो है सब जल बुदबुद उनहारि ॥१॥ चलो निकसि तो विधि से बचो ।।१० प्रशरण-पूरण प्रायू बधै छिन नाहि बोधिदुर्लभ-सब व्यौहार क्रिया का ज्ञान दिए कोटि धन तीरथ माँहि । भयो अनन्ते बार प्रधान । इन्द्र चक्रपति भी कहा करें निपट कठिन अपनी पहचान आयु अन्त में तेहू मरे ॥२ ताको पावत होत कल्यान ।।११ संसार-यों ससार असार महान धर्म-धरम सुभाव आप सरधान सार आप में आपा जान । धर्म न शील न न्हौन न दान । सुख से दुख दुख से सुख होय बुधजन गुरु की सीख विचार समता चारों गति नहीं कोय ॥३ गहो धर्म आतम हितकार ॥१२
SR No.538026
Book TitleAnekant 1973 Book 26 Ank 01 to 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorA N Upadhye
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1973
Total Pages272
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size14 MB
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