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राजस्थान में जैनधर्म व साहित्य : एक सिंहावलोकन
२३७ प्रवृत्ति चल पडी और इस प्रकार कई शास्त्र भण्डार बन (३) बाबा दुलीचन्द शास्त्र भंडार, गये । जयपुर में इस प्रकार के शास्त्र भंडारो की संख्या
(४) बघीचन्द मन्दिर का भंडार, लगभग १५ है जिनके नाम निम्नलिखित है।
(५) सघी जी का मन्दिर शास्त्र भंडार,
(६) शास्त्र भंडार, जैन मन्दिर छोटे दीवान जी का, (१) प्रामेर शास्त्र भडार :
(७) शास्त्र भडार, जैन मन्दिर गोधो का, इस भडार की स्थापना पामेर में की गई थी।
(८) शास्त्र भंडार, जैन मन्दिर पार्श्वनाथ, लेकिन अब लगभग २५ वर्षों से यह जयपुर के चौडा
() शास्त्र भडार, दिगम्बर जैन मंदिर जोबनेर, गम्ना स्थित महावीर भवन में परिवर्तित कर लिया गया
(१०) शास्त्र भंडार, विजयराम पाण्ड्या, है। अटारहवी शताब्दी में इसे भद्रारक देवेन्द्र कीति शास्त्र
(११) शास्त्र भडार, दिगम्बर जैन नया मन्दिर, भडार के नाम से जाना जाता था। वर्तमान मे इस भंडार
(१२) शास्त्र भडार, पाटोदी का मन्दिर, में लगभग ४,००० हस्तलिखित प्रतियाँ एव १५० गुटके
(१३) शास्त्र भडार, श्वेताम्बर जैन ग्रंथागार, (२) बड़ा मन्दिर का शास्त्र भण्डार
(१४) शास्त्र भंडार, जैन मन्दिर, मेघराज जी का, २६३० हस्तलिखित प्रतियाँ एवं ३२४ गुटके हैं।
(१५) शास्त्र भडार, जन मन्दिर, यशोदानद जी का। १. पामेर शास्त्र भंडार जयपुर की ग्रन्थ मूची-सं० २. राजस्थान के जैन भडारो की ग्रन्थ सूची-स. डा. डा० कस्तूरचन्द कासलीवाल ।
कासलीवाल ।
'अनेकान्त' के स्वामित्व तथा अन्य ष्योरे के विषय में प्रकाशक का स्थान
वीर सेवा मन्दिर भवन, २१ दरियागज, दिल्ली प्रकाशन की अवधि
द्वि मासिक मुद्रक का नाम
वंशीधर शास्त्री राष्ट्रीयता
भारतीय पता
२१, दरियागज, दिल्ली प्रकाशक का नाम
वंशीधर शास्त्री स० मन्त्री वीर सेवा मन्दिर गष्ट्रीयता
भारतीय पता
२१, दरियागज, दिल्ली सम्पादक का नाम
डा० मा. ने. उपाध्ये एम. ए. डी. लिट्, कोल्हापुर डा. प्रेमसागर, बडौत यशपाल जैन, दिल्ली
परमानन्द जैन शास्त्री, दिल्ली राष्ट्रीयता
भारतीय
मार्फत वीर सेवा मन्दिर २१, दरियागज, दिल्ली स्वामिनी सस्था
वीर सेवा मन्दिर २१, दरियागंज, दिल्ली मैं वशीधर घोषित करता है कि उपरोक्त विवरण मेरी जानकारी और विश्वास के अनुसार सही है। १७-२-७२
हवंशीधर
(वंशीधर)
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