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१५६, वर्ष २४, कि० ४
३- मस्तक पर जटाए ४ - विशाल शरीर
२१- भृकुटि
तीनमिनाथ
वानन्दी (बैल)
=जपा पुष्प के समान लाल
हा पाठ (चार)
क्र
बन्दा ढाल (मूलशक्ति), तलवार (वय), धनुष, वाण; बा ऋ प्रकुश ( ढाल), कमल (डमरु), चक्र, इष्टदान मु
विचार मुल
२२ - गोमेद (पाइ)
ती = नेमिनाथ (शंख)
वान्मनुष्य द्वारा खींचा जाने वाला फूलों से बना हुधा वाहन
श-श्याम हां छह
क्र
बन्दा गदा धनुष, कुल्हाड़ी (वाण), दण्ड ); वा फल ( मुद्गर), वज्र (फल) वरद मु
वि-१-तीन मुख
२- सर्प के समान रूप वाला)
२३- परण ( मातंग
सीपादवनाथ (सर्प)
वाकछवा
श= बादलों के समान श्याम हावार (दो) बन्दा बाकि
सर्पराज ) (फल), नीदा पाश; ऊबा वासुकि, नी वा सर्प / ( बरद मु)
विमस्तक पर वासुकि २४ - मातंग
ती महावीर (सिंह)
बान्हाची
श=
मूंग के समान हरा
प्रनेकान्त
-
हान्दो
बायें हाथ में दायां हाथ लेकर वरद मु वि= मस्तक पर धर्मचक्र धारण किये
हुए
१. चक्रेश्वरी (चक्रेशी )
ती = ऋषभनाथ (बैल)
वा=कमलासन या गरुड़ या दोनों (दोनों)
सुनहला
हा=सोलह (बारह)
वदा क्र वज्र, फल (मातुलिंग), चक्र, चक्र, चक्र,
चक्र, चक्र, चक्र; बाक्र, वज्र, फल, चक्र, चक्र,
चक्र, चक्र, मातुलिंग, दान नु / ( अभय मु) बिछह पैर
२. रोहिणी
जितनाथ (हाथी)
वा = लोहासन ( तथा रथ पर प्रासीन )
श= सुनहला (सफेद)
हा चार
व=उ, दा, शंख, नी दा प्रभय मु. ऊ बा चक्र, नी बा दान मु ( वरद मु)
३. प्रज्ञप्ति (प्रज्ञावती)
तो = संभवनाथ (घोड़ा)
बा=पक्षी
सफेद
हा= छह
व=दा क्र अर्धचन्द्र मु (अभय मु) परशु ( वरद मु), फल, बा तलवार (चन्द्रमा), याण (परशु ) वरद मु ( कमल)
४. विशृंखला (वज्र श्रृंखला)
तो अभिनन्दननाथ (बन्दर) वा-हंस
श= सुनहला
हा छह (चार)
व=दा क्रसर्प, जाल वरद मु, बा क्र बड़ा फल, अक्षमाला, दान मु
५. खड्गवरा ( या पौरुषवत्तिका) (नरदत्तिका)
ती = सुमतिनाथ ( चकवा )
वा= हाथी (सफेद हाथी )
श= सुनहला
हा चार
व=ऊ दा वज्र (चक्र), नी दा फल (वज्र ), ऊ बा चक्र (फल), नी वा वरद मु