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अपशब्दों का पर्व-विचार
लोणिय-नवनीत, लोनी (३७, १, ५) सूडिय-त्रुटित, भंजित (२४, ७, ५) हलुवारय-लघुकतर (३४, १३, १) हेवाइय-गर्वित (५६, १०,६) चिक्कम इ-जाता है (५६, १४, ४) रह-रथ्या, मार्ग, गली (५६, १४, ६) पारक्क-शत्रु जन (५६, १०, ६) झंसी-वृक्ष विशेष (५, ८, ७) जंबूसामिचरिउ विटलटल-गठरी (११, ६, ३) घार-चील (७.१, १२) करकंडचरिउ णण्ह-स्निग्च (८, २, ६) टेवंत-तेज करना, टेना (१०, १६, ८) तेइया-पेटिका (१, ७, २) फेफरि --फल विशेष (६, २१, ५) परिणडिप्र--वचित (३, २१, ४) हउ--हो (बज), मै (२, ५, ८) हिलहिलत-हीसना, हिनहिनाना (३, १३, ४) सूय-सून (संस्कृत), पारद (६, ६, ६) वेल्लत- व्याकुल होना (५, ११, १४) लबेल्लि ललक पूर्वक (८, ७, ८) महापुराण वीसनु --बीभत्स (७, १२, ८) प्रलियल्लि-व्याघ्र (१५, १३, ३) ढेक-दहाड (३, ५, १०) तंडउ --टोली, जत्था (१६, २२, ८) के या-वरत्रा, हाथी कसने का रस्सा (१२, ११, ५) विड्डम-भय (१८, २३, १) विसभर-कोरी, जुलाहा (३१, १७, १२) सल-चिना, शवशयनस्थान (२३, ८, ६) सवलहण समलिम्भन (विलेपन) (३,४,७) हेडि-शृखला (७, १३, ८) हवाइद्ध-कुपित (३२, २०.४) सेहीर-सिह (२५, ३, ५) झपह-सिंह (१२, १२, ५)
बिलिब्बिल-बीभत्स (२०, १०, ११,
प० च. ५४, ११,१) खे -प्रालिंगन (२६, १६ २) डावि. -मुद्रिका, अंगूठी (३५, ५, ३) णिययणी-रस्सा २५, १८, १२) दवट्टि-शीघ्र (२६, ६, ३)
हीर-कुकुम (२५, ६, १२) तक्कारि-सारथि (१२, १३, ६) तियाउस-भस्म (३७, २२, ६) तिडिवक-स्फुलिंग (३७, २१, १०) तालवट्ट-पुच्छ (३४, १०, १५) सूय-श्री (३४, १, ६) वट्टप-प्रतिशय, अत्यन्त (३२, १६, १३) लया --कोरी, जुलाहा (३१, १०, ६) तोतडिल्ल-मिश्रित (२८, १, ५) चंचेल - वक्र, टेढ़ा (२३, ४, १३) मउंद मृदंग (२२.८, ८) प्रठाण-कायोत्सर्ग (२१, ७, १) दुवालि-अन्याय (२०, २४, १०) सोणरि-शृगाल (२०, २१, १) णिहाउ-समूह (२०, २२, १२) कुयल-भूतल (२०, ३,६) तुदाहि-गण्डूपद, केचुना (७, १, २, ७) देट -वृन्त (४, ११, ११) पासुय-प्रासुक, शुद्ध (६, ७, ४) मेल-प्रति वृद्ध, बहुत बूढ़ा (२६, २५, १२) मल्लारम- भला, उत्तम (७, १७, ११) चोवाण-यष्टि, लाठी (१, १६, १०) चेचइय-प्रलंकृत (३ २, ४) चदकव-मयूर, मोर (१३, ७, १०) डुंग-समूह (९, २, २७) थेम --बिन्दु (३, १४, २०) पेल्लावेल्लि-सम्भ्रम (६, १८, १६) पालिद्धय-झंडो (१२, ६, ४) दडत्ति-शीघ्र (धड़कन ?) (6, १३, २) लाणि-मर्यादा (४, ५, १४)