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________________ अखिल भारतवर्षीय जैन जनगणना समिति ६५ ३-जनगणना के समय गांव-गांव, मोहल्ले-मोहल्ले के लगाकर उपरोक्त जानकारी देना। कार्यकर्ता सरकारी कर्मचारियो के साथ जाकर ७-स्वयंसेवक संस्थाएँ, नवयुवक-वर्ग तथा महिला ठीक-ठोक लिखाने का प्रयत्न करना। समाज से सक्रिय सहयोग का अनुरोध करना। ४-प्रत्येक उत्सवों, सभात्रों तथा मेलों प्रादि र वसरों -जैन पत्रों में व्यापक प्रचार करना। पर इसके लिए व्यापक प्रचार करना । -जंन पत्रों के सम्पावकों, विद्वानों से अनुरोध करना ५-प्राचार्य, मनिगण साधु-साध्वी, महाराजानों से कि वह अपने लेखों, भाषणो द्वारा इसका व्यापक प्रचार करें। अनुरोध करना है कि वे अपने प्रवचनों एवं उनके दर्शनार्थ आये श्रावकों को प्रेरणा देवे कि प्रत्येक १०-अन्य संस्थानों से इस कार्य में सहयोग लेने का जैन, इस महान कार्य में योग दे तथा केवल जैन प्रयत्न करना। हो लिखायें। प्रार्थी :६-प्रत्येक मन्दिर, उपाश्रय एवं अन्य स्थान जहां शीतलप्रसाद जैन, सुकुमारचन्द जैन बहिन-भाई पाते है, उन स्थानों पर बड़े-बड़े पोस्टर अध्यक्ष महामन्त्री प्रत्येक स्थान की जैन समाज से अपील प्र० भा० जन जनगणना समिति पिछले एक वर्ष से लिखाना है। अन्य कुछ नहीं। साथ में यह भी निवेदन जनगणना के समय जैन जगत के बच्चे-बच्चे को क्या करते हैं कि आपके यहां बनी जैन जनगणना समिति को करना है इसके व्यापक प्रचार में लगी हुई है। कई बार हर प्रकार का योग देवें। जिन-जिन स्थानों पर समितियाँ हजारों स्थानों पर बड़े-बड़े पोस्टर भेज कर, समस्त जैन गठित नहीं हुई है वहाँ समितियों का गठन कराकर कार्य पत्रों में लगातार प्रचार सामग्री प्रकाशित कराकर, बड़े- प्रारम्भ करायें और केन्द्रीय समिति के कार्यालय २०४ बड़े महोत्सवों पर प्रचार सामग्री एवं अपने कार्यकर्ताओं दरीबा कलां, दिल्ली को सूचित करें जिससे कि केन्द्रीय के द्वारा प्रचार कराकर समिति के पदाधिकारी स्थान- कार्यालय उन्हें प्रचार सामग्री प्रादि भेजता रहे। स्थान पर भ्रमण कर समितियों का गठन कर इस कार्य १५ जलाई से चौमासा प्रारम्भ हो रहा है। हमारी में जुटे हुए है। यही कारण है कि प्राज समाज का बच्चा समस्त जैन समाज के प्राचार्य, मुनिगण तथा अन्य त्यागी अपने कर्तव्य के प्रति सजग है कि आगामी जैन जनगणना महाराज चार महीने एक ही नगर में रहेंगे। यह एक के समय हमें क्या करना है। इस कार्य की सर्वत्र व्यापक बड़ा सुन्दर अवसर है कि प्रत्येक स्थानीय समाज जिन रूप से चर्चा है। समिति को जैन समाज की सभी सम्प्र स्थानों पर प्राचार्य, मुनिराज व त्यागियों के चौमासे हो दायों तया संस्थानों का पूरा सहयोग प्राप्त है। रहे हैं, प्रत्येक प्रवचन के अवसर पर, विशेष कार्यक्रमों जेसा कि समिति बराबर कह रही है कि यह कार्य पर इस सम्बन्ध में व्यापक प्रचार करें एव प्राचार्य मह.. महान है हमें यह सन्देश गांव-गांव, घर-घर, बच्चे-बच्चे राजो, मनिराजों तथा त्यागो महाराजों से भी इस महान तक पहुँचाना है। इसमें समाज को तभी सफलता मिलेगी कार्य के लिए समाज को अपने कर्तव्य-बोध के प्रति जागअब समस्त स्थानीय समाजें अपना उत्तरदायित्व समझकर रूक करायें। इस कार्य में जुट जावेगी व अपने प्रासपास के प्रत्येक प्रार्थीगांव में बसने वाली जैन समाज तक यह सन्देश पहुंचाना भगतराम जैन है कि हमें जनगणना में अपने को केवल "जैन" हो मन्त्री, म. भा० जन जनगणना समिति
SR No.538023
Book TitleAnekant 1970 Book 23 Ank 01 to 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorA N Upadhye
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1970
Total Pages286
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size16 MB
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