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________________ २. साहित्य अपभ्रंश का एक शृगार वीर काव्यअकलक देव का चित्रकाव्य अथवा चतुर्विशति जिनस्तोत्र रामसिह तोमर एम. ए. ६।३६४ -सपादक ७।३६३ अपभ्रंश भाषा का जम्बस्वामी चरिउ और महाकवि वीर अकलंक देव के चित्रकाव्य का रहस्य और हारावली --परमानन्द शास्त्री १३।१४६ चित्रस्तव-संपादक ११५२० । अपभ्रंश भाषा का जैन कथा साहित्यअकलक देव के चित्रकाव्य का रहस्य और हारावली पं. परमानन्द जैन शास्त्री ८।२७३ चित्रस्तव-संपादक ७।५८० अपभ्रंश भाषा का नेमिनाथ चरित-परमानन्द शास्त्री अछता समृद्ध जैन साहित्य-रिषभदास रांका २१४१७४ ११४१४ अजीमगढ भडार का रजताक्षरी कल्पसूत्र अपभ्रंश भाषा का पार्श्वनाथ चरित्र-परमानन्द जैन भंवरलाल नाहटा १७११७८ १३१५ अजान हिन्दी कवि टेकचन्द्र व उनकी रचनाएँ- अपभ्रश भाषा का पास चरिउ और कविवर देवचन्द-- श्री अगरचंद्र नाहटा १५२६८ परमानन्द शास्त्री १११२२१ अतिप्राचीन प्राकृत पंचसंग्रह-परमानन्द शास्त्री ३।२५६ अपभ्रंश भाषा का शातिनाथ चरित्रअतरिक्ष पार्श्वनाथ विनंति-नेमचंद्र धन्नूसा जैन ६०६१ परमानन्द शास्त्री ५२२५३ अध्यात्म तरंगिणी टीका-पं. परमानन्द जैन शास्त्री १०.३० अपभ्रश भाषा की दो लघुरासो रचनाएँअध्यात्म दोहावली-श्री रामसिंह, प. हीरालाल शास्त्री डा. देवेन्द्र कुमार शास्त्री १८१८४ १४।२५२ अपभ्रंश भाषा के अप्राकाशित कुछ ग्रन्थअध्यात्म बत्तीसी-अगरचंद्र नाहटा २१७१७२ पं. परमानन्द जैन शास्त्री १२।२६३ अनेकान्त का छोटेलाल जैन विशेषांक-१८।२७५ अपभ्रंश भाषा के दो ग्रंथ-पं. दीपचद्र पांड्या ४१५१६ अनेकान्त के अद्वितीय विशेषांक की योजना-६२५ अपभ्रंशभाषा के प्रसिद्ध कवि पं. रइधूअनेकान्त के पन्द्रहवें वर्ष की सूची-१६१४२ पं. परमानन्द शास्त्री ५१४०१ अनेकान्त जैन समाज का गौरव है-विशेष प्रक ६१८ अपभ्रशभाषा के दो महाकाव्य और कवि नयनन्दीअनेकान्त प्रकाशन-श्री वंशीधर शास्त्री एम.ए. १२४७ 4. परमानन्द शास्त्री १०.३१३ अनेकान्त बहिर्लापिका-पं. धरणीधर शास्त्री श२०६ अन्यत्र प्राप्त प्रजित प्रभु चरित्र-श्री प्रगरचंन्द्र नाहटा अपराजतिसूरि भौर विजयोदया-प. परमानन्द जी २।४३७ अपराधक्षमास्तोत्र (रत्नाकर)-संपादक १०४१ १०१३३१ अभयचन्द्र सिद्धात चक्रवर्तीकृत सस्कृत कर्मप्रकृतिअपभ्रंश कवि पुष्पदन्त-प्रो. देवेन्द्रकुमार एम.ए. १४।२६२ डा. गोकुलचन्द्र जैन १९।३३५ अपभ्रश चरित काव्य-डा. देवेन्द्रकुमार १९८४ अपभ्रंश का एक प्रमुख कथा काव्य अमृतचन्द्र सूरि का समय-पं. परमानन्द जैन शास्त्री डा. देवेन्द्रकुमार शास्त्री १७१२६३ ८१७३ अपभ्रंश का एक प्रेमाख्यानक काव्य विलासवईकहा- मर्थप्रकाशिका मोर पं. सदासुखदास जीडा. देवेनकुमार शास्त्री १७११६९ परमानन्द शास्त्री ३१५१४
SR No.538022
Book TitleAnekant 1969 Book 22 Ank 01 to 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorA N Upadhye
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1969
Total Pages334
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size17 MB
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