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________________ २. साहित्य २०३ महंन्नुतिमाला (माघनन्दी) -संपादक १०॥३५३ अलम्य ग्रन्थोंकी खोज-डा. कस्तूरचंद्र १६।२२,१६।१६८, १६।२२५ प्रष्टसहस्त्री की एक प्रशस्ति-संपादक १०७३ उपाध्याय मेघविजय के मेघ महोदय में उल्लिखित कतिपय मप्राप्त रचनाएँ-प्रगर चंद नाहटा २१॥३६ एक अनूठी जिन स्तुति-संपादक ४॥१८५ भाचार्य अनंतवीर्य और उनकी सिद्धिविनिश्चय टीका- ऐ० पन्नालाल दि० जैन सरस्वती भवन बम्बई के कुछ न्यायाचार्य पं. दरबारी लाल दा२ हस्तलिखित ग्रथो की सूची-संपादक ५१६७ माचार्य जिनसेन और उनका हरिवंशपं. नाथूराम प्रेमी ४।५८६ कतिपय प्रकाशित ग्रंथों की अप्रकाशित प्रशस्तियोआचार्य जिनसेन का काव्य सिद्धान्त-डॉ. नेमिचंद शास्त्री श्री अगरचंद्र नाहटा १०१३३१ १६।३ कथा कहानी-अयोध्याप्रसाद गोयलीय २।२४२, २१३०१, प्राचार्य माणिक्यनदी के समय पर अभिनव प्रकाश २१३५७, २१४२२, २१४४३, २१४६१, २१५७३ न्या. पं. दरबारीलाल ८१३४६, ८।३७४ कथा कहानी-माईदयाल जैन बी. ए. बी. टी. २०६६ आचार्य सकलकीति और उनकी हिन्दी सेवा कवि छीहल-परमानद शास्त्री २१।२२६ पं. कुन्दनलाल जैन १९१२४ कवि टेकचन्द रचित श्रेणिकचरित मोर पुण्याश्रव कथाप्राचार्य सोमकीति-कस्तूरचन्द्र कासलीवाल १६।६२ कोप-अगरचद्र नाहटा २१११३४ आचार्य हेमचन्द्र-श्री रतनलाल सघवी न्यायतीर्थ १२४४, कवि ठकुरसी और उनकी रचनाएँ-परमानन्द शास्त्री २।२६५, २०३३५ १४।१० प्राचार्य हेमचन्द्रके योगशास्त्रपर एक प्राचीन दिगम्बर टीका कवि पद्मसुन्दर और दि. श्रावक रायमल्ल-श्री जुगलकिशोर मुख्तार २०११०७ । श्री अगरचद्र नाहटा १०११६ आत्म सबोधक अध्यात्म पद-कविवर दौलतराम १२२३६१ कवि बनारसीदास-कुमार वीरेन्द्रप्रसाद १०।६६ प्रात्मानुशासन का एक सदिग्ध पद्य-श्री लक्ष्मीनारायण कवि बल्ह या बचिराज-परमानद जैन शास्त्री १६।२५३ जैन ८।२४ कविवर ठकुरसी कृत पचेन्द्रिय वेलि-डा० नरेन्द्र भानावत भादिकालीन चर्चरी रचनाओ की परम्परा का उद्भव १६२०३ और विकास-डॉ. हरीश १५५१४३, १५:१८० कविवर देवीदास का परमानंद विलास-डा. भागचन्द्र जैन आधुनिक भाषानी की व्युत्पत्ति के लिए जैन साहित्य का एम. ए. पी. एच. डी. २०१२८२ महत्व-बा. ज्योतिप्रसाद एम. ए. ८।२२५ कविवर दौलतरामजी-परमानन्द शा० ११४१५२ भाप्तपरीक्षा का प्राक्कथन-पं. कैलाशचन्द्र शास्त्री १०१२१३ कविवर द्यानतराय-परमानन्द शा० ११११७३ प्राप्तमीमासा और रत्नकरण्ड का भिन्न कर्तृत्व- कविवरबुधजन और उनकी रचनाएं-परमानन्द शा. १९२२४३ डा. हीरालाल एम, ए. EE कविवर पं. श्रीपाल का व्यक्तित्व एव कृतित्व डा. कस्तूरचन्द्र कासलीवाल २०४६ इज्जत बड़ी या रुपया-अयोध्याप्रसाद गोयलीय ६।७२ कविवर बनारसीदास और उनके ग्रंथों की हस्तलिखित प्रतियाँ-मुनि कांतिसागर ८४४०२ उत्तरपुराण में पूर्वापर विरोध-प्रो. बनारसीदास ११३६० कविवर भगवतीदास-परमानंदे शास्त्री १४१२२७ उपाध्याय पद्मसुन्दर और उनके ग्रन्थ कविवर भगवतीदास और उनकी रचनाएंअगरचन्द्र नाहटा ४१४७० पं. परमानन्द शास्त्री ११३
SR No.538022
Book TitleAnekant 1969 Book 22 Ank 01 to 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorA N Upadhye
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1969
Total Pages334
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size17 MB
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