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________________ अनेकान्त बारह भिक्षुरिणयों को नाम-ग्राह अभिनन्दित किया है तथा १४. ....."मारण्यकों (वन वासियों) में रेवतक्षदिर पृथक्-पृथक गुणो में पृथक-पृथक् भिक्ष-भिक्षुणियों को बनिये! ..... भग्रगण्य बताया है । वे कहते हैं : १५. ....."ध्यानियो में कंखा रेवत: .... १. भिक्षमों। मेरे अनुरक्तज्ञ भिक्षुमों में प्राज्ञा- १६. ....."उद्यमशीलों में सोणकोडिवीस........ कोण्डिन्या पग्रगण्य है। १७. ... · सुवक्ताओं में सोणकुटिकण्णा ... २. ... महाप्राज्ञों में सारिपुत्र' .. । ...... 'लाभार्थियों में सीवली...... ३. ... ऋद्धिमानो में महामौद्गल्यायन' १९. ...... श्रद्धाशीलों में वक्कलि .... ४. ..."धुतवादियो (त्यागियों) में महाकाश्यप । २०. ......संघीय-नियम-बद्धता में राहल...... ५. ...."दिव्यचक्षुकों में अनुरुद्ध ...। २१. ..... श्रद्धा से प्रवजितों में राष्ट्रपाल.... .. ६. ..... उच्चकुलीनों में भद्दिय कालिगोधा-पुत्र... २२. ....."प्रथम शलाका ग्रहण करने वालों में ७. ....""कोमल स्वर से उपदेष्टामों में लकुण्टक कुण्डधान' .. .. मद्दिय .... २३. ...... कवियों में वंगीस10 ८. ....."सिंहनादियों में पिण्डोल भारद्वाज ...... २४. ..."समन्तप्रासादिकों (सर्वतः लावण्य सम्पन्न) ९. ....."धर्म-कथिकों में पूर्ण मैत्रायणी-पुत्र.... .. में उपसेन वगन्त पुत्री.... १०. ......व्याख्याकारों में महाकात्यायन ... २५. शयनासन-प्रज्ञापकों में द्रव्य-मल्लपुत्र" . . . . . ११. ... "मनोगत-रूप-निर्मातामों व चित्त-विवर्त २६. .... देवतामों के प्रियों में पिलिन्दिवात्स्य.... चतुरों में चुल्लपन्यकी...... २७. .."प्रखर बुद्धिमानों में बाहियदारुचीरिया . १२. ... संज्ञा-विवर्त-चतुरों में महापन्यका . .... २८. .. .. विचित्र वक्ताओं में कुमार काश्यप....... १३. .. . अरण्य-बिहारियों व दक्षिणेयों में मुभूति.... 1. मगध, नालक ब्राह्मण-ग्राम, सारिपुत्र के अनुज 1. शाक्य, कपिलवस्तु के समीप द्रोण वस्तु ग्राम, 2 कौशल, श्रावस्ती, महाभोग ब्राह्मण 3. अग, चम्पा, श्रेष्ठी 2. मगध, राजगृह से अविदूर उपतिष्य (नालक) 4. अवन्ती, कुररप्पर, वैश्य ग्राम ब्राह्मण 5. शाक्य, कुण्डिया, क्षत्रिय, कोलिय-दुहिता सुप्रवासा 3. मगध, राजगृह से अविदूर कोलितग्राम, ब्राह्मण का पुत्र 4. मगध, महातीर्थ ब्राह्मण ग्राम, ब्राह्मण 6. कौशल, श्रावस्ती, ब्राह्मण 5. शाक्य, कपिलवस्तु, क्षत्रिय, बुद्ध के चाचा अप- 7. शाक्य, कपिलवस्तु, क्षत्रिय, सिद्धार्थ-पुत्र तोदन शाक्य के पुत्र 8. कुरु, युल्लकोण्ति, वैश्य 6. शाक्य, कपिलवस्तु, क्षत्रिय 9. कौशल, श्रावस्ती, ब्राह्मण 7. कौशल, श्रावस्ती, धनी (महाभोग) 10. कौशल श्रावस्ती, ब्राह्मण 8. मगध, राजगृह, ब्राह्मण 11. मगध, नालक ब्राह्मण-प्राम, ब्राह्मण, सारिपुत्र 9. शाक्य, कपिलवस्तु के समीप द्रोण-वस्तु ग्राम के अनुज 10. प्रवन्ती, उज्जयिनी, ब्राह्मण 12. मल्ल, अनूपिया, क्षत्रिय 11. मगध, राजगृह, श्रेष्ठि-कन्यापुत्र 13. कौशल, श्रावस्ती, ब्राह्मण 12. मगध, राजगृह, श्रेष्ठि-कन्यापुत्र 14. वाहियराष्ट्र, कुलपुत्र 13. कौशल, श्रावस्ती, वैश्य 15. मगध, राजगृह लस
SR No.538020
Book TitleAnekant 1967 Book 20 Ank 01 to 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorA N Upadhye
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1967
Total Pages316
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size16 MB
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