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________________ २१.प्रतिसावित्प्राप्तो में महाकोष्ठि ३०. स्थाको में श्रानन्द' ... ... ३३. ३४. शोभित... ३५. ३६. ३१. ३२. कुल प्रसादको में काल-उदायी ...निरोगों में वक्कुल पूर्व जन्म का स्मरण करने वालों मे महावीर और बुद्ध के पारिपाश्विक भिक्षु भिक्षुणियाँ बहुश्र ुतो, गतिशीलां, स्थितिमानों व उप ... .... ..... महापरिषद् वालों में उरुवेल काश्यप विनयघरों में उपालि मिथुनियो के उपदेष्टा जितेन्द्रियों में नन्द... ३७ ३८. भिक्षु के उपदेष्टाओ मे महाकपिन" तेज-याला मे स्वागत... ३६. ४०. प्रतिभाशालियां मे राघ ४१. ...... रूक्ष चीवर घारियो मे मोघ राज 3...... भिक्षुणियों में १. भिक्षुत्रो ! मेरी रक्तज्ञा भिक्षुणियों मे महाप्रजापति गौतमी अग्रगण्य है" । २. ...महाशय में ... 1. कौशल, श्रावस्ती, ब्राह्मण 2. शाक्य, कपिलवस्तु, क्षत्रिय, भौदन पुत्र 3. काशी, वाराणसी, ब्राह्मण 4. शाक्य, कपिलवस्तु, अमात्य गेह 5. वत्स, कौशाम्बी, वैदय 6. कौशल, धावस्ती, बाह्मण 7. शाक्य, कपिलवस्तु, नापित 8. कौशल, धावती, कुनगेह 9. शाक्य, कपिलवस्तु, क्षत्रिय, महाप्रजापती- पुत्र 10. सीमान्त, कुक्कुटवती, राजवश 11. कौशल, भावस्ती, ब्राह्मण 12. मगध, राजगृह, बाहाण 13. कौशल, बावस्ती, ब्राह्मण, बाबरी-शिष्य t, 14. शाक्य, कपिलवस्तु, क्षत्रिय, शुद्धोदन की पत्नी 15. मद्र, सागल, राजपुत्री, मगधराज बिम्बिसार की पत्नी ३. ४. ५. ६. धर्मोपदेशिकाथो मे धम्मदिन्ना....... ध्यायिकाओं में नन्दा ... ७. उद्यमनीनाम्रो मे मोरणा * द. प्रखर प्रतिभागातिनियों मे भद्राकुण्डल केला. ... "दिशासिनियो मे उत्प विनयधराम्रो मे पटाचारा ..... ... ह .....पूर्वजन्म का धनुर कारिकाधों में भद्रा कापिलायनी १०. महाप्रमिशा रिकामो में भद्रा काव्या यनी" ११. क्ष चीवर धारिकायां में कृणा गौतमी" १२. श्रद्धा-युवती मे श्रृंगाल माता ...... श्रागम साहित्य में 'एतदग्ग वग्ग' की तरह नामग्राह कोई व्यवस्थित प्रकरण दस विषय का नहीं मिलता, पर कल्पसूत्र का केवनी प्रादि का संख्याबद्ध उल्लेख महावीर के भिक्षुम की व्यापक सूचना हमें दे देता है। प्रोपपातिक सूत्र मे नियो के विविध तपो का पौर उनकी अन्य विविध विशेषनाम्रो का सविस्तार वर्णन है। तप के विषय में बताया गया है- "अनेक भिक्षु कनकावली तप करते थे । अनेक भिक्षु एकावली तप, अनेक भिक्षु लघुनिहित तप, अनेक भिक्षु महासहfroster नग, अनेक भिक्षु लघुमिहनिष्क्रीडित तप, अनैक भिक्षु भद्र प्रतिमा, धनेक भिक्षु महाभद्र प्रतिमा, अनेक भिक्षु प्राबिल वर्द्धमान तप, अनेक भिक्षु मासिकी भिक्षु ८१ 1. कौशल, श्रावस्ती, श्रं पठि-कुल 2. कौन, बावनी, धोष्ठि कुल 3. मगध, राजगृह, विशाख श्रेष्ठी की पत्नी 4. शाक्य, कपिलवस्तु महाप्रजापती गौतमी की पुत्री 5. कौशल, श्रावस्ती, कुलगेह 6. कौशल, श्रावस्ती, कुलगेह 7. मद्र, सागल, ब्राह्मण, महाकाश्य की पत्नी 8. शाक्य, कपिलवस्तु क्षत्रिय, राहुल माता-देव दहवासी, सुप्रबुद्धशाक्य की पुत्री 9. कौशल, श्रावस्ती, वैश्य
SR No.538020
Book TitleAnekant 1967 Book 20 Ank 01 to 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorA N Upadhye
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1967
Total Pages316
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size16 MB
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