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अनेकान्त के १८वें वर्ष की विषय-सूची
क्र०
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विश्य
विषय १. अडतीसवे (३८वे) ईमाई तथा ७ बौद्ध विश्व १६. क्षपणासार के कर्ता माधवचन्द मम्मेलन की श्री जैन सघ को प्रेरणा
-श्री पं० मिलापचन्द कटारिया
६७ कनकविजय
१४० २०. खजुराहो का जैन सब्रहालय-श्री नीरज जैन १८ २. अतिशय क्षेत्र प्रहार-श्री नीरज जैन १७७ २१. गंज-वामौदा के जैन मूर्ति व यन्त्र लेख ३. अन्तरिक्ष पार्श्वनाथ श्रीपुर तथा श्रीपुर पाश्वनाथं .
२२. जयपुर की संस्कृत-साहित्य को देन श्री पुण्डरीक स्तोत्र-० नेमचन्द धन्नुसा जैन
विट्ठल ब्राह्मण-डा० श्री प्रभाकर शास्त्री ४. अनेकान्त का छोटेलाल जैन विशेषांक- २७५ ।
- २३. जीव का अस्तित्व जिज्ञासा और समाधान ५. अपभ्रंश भाषा की दो लघुरासो रचनाएँ
--मुनि श्री नथमल डा. देवेन्द्रकुमार शास्त्री
१८४ २४. जैन तंत्र साहित्य-डा. कस्तूरचन्द कासलीवाल ३३ ६. अपगध गौर बुद्धि का पारस्परिक सम्बन्ध २५. जैन दर्शन में प्रर्थाधिगम चिन्तन -साध्वी श्री मंजुला
-० दरबारीलाल कोठिया ७. अप्रावृत और प्रति संलीनता
२६. जैन दर्शन में सर्वज्ञता की सभावनाएं -मुनि श्री नथमल
-पं० दरबारीलाल कोठिया ८. अरहंत-स्तवनम् (धवला से)
६५ २७. जैन दर्शन में सप्तभंगीवाद १. अर्थ प्रकाशिका : प्रेमयरत्नमाला की द्वितीय
-उपाध्याय मुनि श्री अमरचन्द टीका-पं. गोपीलाल अमर एम. ए. १८ २८. जैन धर्म और जातिवाद-श्री कमलेश सक्सेना १०. महत्-स्तवन-मुनि पानन्दि
एम. ए. मेरठ ११. महार का शान्तिनाथ संग्रहालय
२६. जौनपुर में लिखित भगवती मूत्र प्रशस्ति -श्री नीरज जैन
२२१ -श्री अगरचन्द भंवरलाल नाहटा १२. महिसा का वैज्ञानिक प्रस्थान
३०. डा. जेकोबी और वासीचन्दन कल्प श्री काका कालेलकर
३६ -मुनि श्री महेन्द्रकुमार (द्वितीय) १३. माचार और विचार--डा. प्रद्युम्न कुमार जैन ३१. तीर्थकर सुपाश्वनाथ की प्रस्तर प्रतिभा ज्ञानपुर
१०३ -व्रजेन्द्रनाथ शर्मा एम. ए. १४. प्राचार्य परमेष्ठी (धवला से)
१९३ ३२. दिगम्बर-श्वेताम्बर परम्परा में महाव्रत अणुव्रत र्य मानतुङ्ग-डा. नेमिचन्द्र शास्त्री . समिति और भावना-मुनि श्री रूपचन्द्र १११ एम. ए. पी-एच. डी.
२४२ ३३. दो ताडपत्रीय प्रतियों की ऐतिहासिक प्रशस्तियाँ १६. मात्म दमन-मुनि श्री नथमल
४३ -श्री भंवरलाल नाहटा १७. कल्पसिद्धान्त की सचित्र स्वर्णाक्षरी प्रशस्ति ३४. निश्चय पोर व्यवहार के कषोपल पर षट् । -कुन्दनलाल जैन एम. ए.
प्राभृतः एक अध्ययन-मुनि श्री रूपचन्द्र १८८ १८. कारंजा के भट्टारक लक्ष्मीसेन
____३५. परीक्षामुख के सूत्रों और परिच्छेदों का विभाजन: -डा. विद्याधर जोहरापुरकर
एक समस्या-पं. गोपीलाल अमर
२४१
२३८
२२३