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________________ २८२ अनेकान्त दिल्ली में तैयार की जाय; तथा पुरातत्त्व सम्बन्धी चित्र श्रमण बेलगोला, सित्तन्न वासल, जिन कांची, मूड बिद्री, संग्रह (एलबम) तयार कराये जावे। ऐलौरा मादि स्थानों को लगभग तीन सौ स्लाइड है। जो ३. पुरातत्व सम्बन्धी उनकी योजना को गतिशील स्थान या जो विशेष पुरातत्व इसमें शामिल नहीं है उनके रखने, कार्यान्वित करने तथा समूचे देश के जैन पुरातत्व स्लाइड बनाने का प्रयास भी उन्हीं के आदेशानुसार में का एक चित्रमय परिचय प्रकाशित करने के प्रयास किये गत दो वर्षों से कर रहा हूँ और लगभग अस्सी स्लाइड जायें। इस दिशा में कार्य करने के लिए बाबू जी के तैयार भी हो गये हैं। कुछ और भी शीघ्र बन जाएंगे। संग्रह के चित्र, निगेटिव, नोट्स मादि मैं अपने साथ सतना ले आया हूँ और शक्ति भर प्रयत्न करके श्रद्धेय इनके सार्वजनिक प्रदर्शन की व्यवस्था भी बाबू जी बाबू जी के इस स्वप्न को साकार करने का संकल्प मैंने की योजनानुसार प्रवर्तमान रहेगी। जहां का भी समाज किया है। किसी उत्सव, मेला, पर्व या अन्य विशेष अवसरों पर इस प्रदर्शन से लाभ उठाना चाहेगी, मैं वहाँ व्यवस्था करने का ४. उन्होने कतिपय तीर्थ क्षेत्रों के स्लाइड भी तैयार प्रयास करूंगा। कराये थे जिन्हें मेजिक लेन्टन पर दिखाकर वे समाज को उसके गौरवशाली प्रतीत का और पुरातत्व के विपुल एक कर्मठ व्यक्ति के कार्यों को प्रागे बढ़ाना ही उसके भण्डार का परिचय कराया करते थे। बाबू जी के इस प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होती है और बही हमें स्व. संकलन में खजुराहो, देवगढ़, मथुरा, जयपुर, चित्तौड़, बाबू जी को अर्पित करनी है। 'अनेकान्त' के स्वामित्व तथा अन्य ब्योरे के विषय में प्रकाशन का स्थान वीर सेवा मन्दिर भवन, २१ दरियागंज, दिल्ली प्रकाशन की अवधि द्विमासिक मुदक का नाम प्रेमचन्द राष्ट्रीयता भारतीय पता २१, दरियागंज, दिल्ली प्रकाशक का नाम प्रेमचन्द, मन्त्री वीर सेवा मन्दिर राष्ट्रीयता भारतीय पता २१, दरियागंज, दिल्ली सम्पादक का नाम डा. प्रा. ने. उपाध्याये एम. ए. डी. लिट्, कोल्हापुर डा. प्रेमसागर, बढ़ोत यशपाल जैन, दिल्ली राष्ट्रीयता भारतीय पता मार्फत वीर सेवा मन्दिर २१, दरियागंज, दिल्ली स्वामिनी संस्था वीर सेवा मन्दिर २१, दरियागंज, दिल्ली मैं, प्रेमचन्द घोषित करता है कि उपरोक्त विवरण मेरी जानकारी और विश्वास के अनुसार सही है। १७-२-६४ ह.प्रेमचन (प्रेमचन्द) -
SR No.538018
Book TitleAnekant 1965 Book 18 Ank 01 to 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorA N Upadhye
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1965
Total Pages318
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size16 MB
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