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________________ अनेकान्त सासण सुपहावण पह पक्राणु सस्थन्थ जागु किगणउ मुणेहु कुसराजु कुसलु तीयउ पसण्णु इहु गिवाहइ सकइत्त भाग पुणु तुरिउ सगुर पय-पोम-रत्तु इय मुशिवि करहि किग चरिउचारु पणि वण्णु जेण मणि निविहु पत्त इहु कवियण जण भत्तउ पहाणु जाचय जश परण कप्प वत्थु [च्छु] तुम्हह कारमइ अहिउमाणु इंदीवर दल सारिच्छ अच्छु नं णिणि विवहु पडि चवइ नम्स सार यर पवियारण पवित्ति हउ किंण वियाण मि-र श्रम्प जगि पायडु जो जि परमण कित्ति इहु मच्चु कइत्तहु मा बहेइ प्रयाह मजिम कुल भवण-दीउ णिम्मलु जस पपवि इह लहेइ कुसराज महामइ णिक विणीउ साहम्मिय बच्छुलु गुगण पवित्त नुहु पुरू संठिउ विगण वइ पहु कि किं ण करमि एयहु पउत्त, ___घत्ता-इय वयणागांतरि, मुक्ख णिरंतार, कर जोडि वि चियमिय वयणु कुमगाउ पयंपइ, मुहिउ समप्पइ, भव भमणहु भव-भीय-मणु ॥ ४ ॥ भो रइधू पंडिय दुरिय-मंथ एण जि जीवे कह मविणपत्त सुदायमपरमपुराणगंथ दंग्सण पुवइ मयलाइं ताइ पह विरइय पन्थु अणेय भव पंछमि मोश्रो बिहु गिय ग्याइ ते अम्हह प्राणियह सब जिण भणिय सत्य कंत्रण गिरिंद पहड भाविउ मइ माणसम्मि बहु गाम ठवहि संविय मुरिदि अइ दुल्लहु गारभउ भव-वणम्मि ता बुहु जंपइ वणि कल ललाम तय थावराइ जम्मइ गहतु भी विणणयात कुपराज शाम चुलमीदिलक्व जाणिहि भमंतु लडऊ स वर पह मयंक जरमरणभूरे दुग्वइ सहंतु दुम्बारबरि-बारगा-श्रयंक अच्छियउ जीउ कालु जि अगांतु तुहु वय, करीम कहत्त वित्ति पदसण सज य वय पवित्त पर दुज (ग) जगा भउ वह मि चिति घना-ज गउ णिमणि जइ मणि ण मुरिणजह णवि पेछिजइ पुण्यखित, तं भासइ दुजणु असमंजस मगु अघउ वयण पावमइ खणि ॥५॥ प्रथम सन्धि पत्र ७ B घत्ता-तुहरति बहिरम्भंतवि अरि मइ जित्ता भंति ण उ रइधर धिय मुलगणम इअ मल वरधम्म कुमराज थुप्रो ।। १३ ।। इय सिरि वह चरिण, सहमण पमुह मुद्ध गुगा भरिण सिरि पंटिय रैधू वगिण. मिरि महाभव्य सेउ, साह सुय दुसराज अग मरिगए अहिग्म सम्मा पिच्छा करणं पटमो संधी परिन्छेश्रो ।। मंधिः ॥ ५ ॥ द्वितीय सन्धि प्रान्ते पत्र १८ A घत्ता-रइधर इगा मच्च करतवि कुम्पराज पमुह भावण पउरे किं किजइ स्यहि पत्थु मह मिर कामिट इय इयि दिवमयरे ।। २ । इयसिरि सावय चरिण, मरण पमुह शुद्ध गण भरिण सिरि पंडिय रहधू वण्णिा सिरि महा भव्वसेउ साहु सुय क.मराजघाहियद अणुमरिणए अहिगम सम्म सेटि भज दुइ कातरवर ण णाम बीनो संधि परिच्छेउ मन्धि ।।२।।
SR No.538017
Book TitleAnekant 1964 Book 17 Ank 01 to 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorA N Upadhye
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1964
Total Pages310
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size16 MB
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