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________________ वीर-सेवा-मंदिरको प्राप्त सहायता गत श्रावण-माससे वीर-सेवा-मन्दिरको जो आर्थिक सहायता सदस्य-फोस सहित प्राप्त हुई है वह क्रमशः निम्न प्रकार है और उसके लिए दातार महानुभावोंको साभार धन्यवाद ! २११) श्रीमान मंट मोतीलाल तोतालालजी जैन ३०) श्री गणेशवर्णी अहिंसा प्रतिष्ठान दिल्ली। रानी वाले व्यावर । (श्री० मा० लाफिरोजी लाल जी) २५१) श्रीमनी नर्मदावी जी ध०प० श्री मेठ नानालाल २) श्रीमान ला. ज्योनिप्रसाद जी नई दिल्ली। . जी जैन रानी वाले व्यावर। २५१) श्रीमान मेट धर्मचन्द्र जी सांगानी ब्यावर । २१) ,, बा. मदनगोपाल सुपुत्र प्रतापनारायण जी २५.) , संठ मूलचन्द जी पहाच्या,ब्यार। - नथा श्री. बा• प्रेमचन्द जी मंसूरी की पुत्री कुमुमलना के विवाहोपलक्ष में। २५१) ., बा० गुमानमल जी बाकलीवाल व्यावर । २५०) दि. जैन समाज व्यावर । १००) श्रीमान सेट मोहनलाल जी दृगड़ कलकत्ता । ४०) यातायान महायता , दि० जन समाज, व्यावर । ११) दि. जैन समाज महादरा । ४०) यातायात महायता श्री संट मांतीलाल तांतालालजी १) श्रीमान संट मिलापचन्द रतनलालजी जैन कटारिया २५९) दि जैन ममाज कही। ... ... ककडी। २०.) दि. जैन समाज खुरई। २५) डा. प्रकाशचन्द कैलाशचन्द जी डिटी गंज, १०१) नया मन्दिर शास्त्र मभी दिल्ली । सदर बाजार दिल्ली। २१०) दि. जैन समाज कलकना। १२) श्रीमान बा०मदनलाल जी बी. कॉम. एल-एल.बी. १००) श्रीमान बाबू नन्दलाल जी जैन कलकत्ता । प्रभाकर, ब्यावर ५००) बा. रघुवरदयाल जी जैन M.A करोलबाग :) ,, बा. मोहनलाल जी काशलीवाल । ३०००) में शेप रहे प्रान । १२) ,, मूलचन्द जी लुहादिया नरायना । १००) , लाला मरम्बनलाल जी जैन ठेकदार दिल्ली शान्तिप्रसाद जी जैन नई दिल्ली । ८०१) मध्य। बा० बिमल प्रसाद जी मदरबाजार, दिल्ली ३०००) गुप्त महायता दातार का नाम अभी गुप्त है, १०) , प्रेमचन्द जी मित्तल दिल्ली। (४००० के मध्ये) १२) ,, बा० शिवरचन्द जी जन दिल्ली । ३८) गुप्त दान । १२) श्री. ला० कश्मीरीलाल मांवलमिह जी दिल्ली २५०) श्रीमान रा०प० बाब उल्फतगयजी जन रिटा० इंजी. डिटीमल नेमीचन्द जी दिल्ली । मेरठ, ५००) के मध्य । १२) , बा० जुगलकिशोर हमचन्द्र जी दिल्ली । २५) , रा. मा० ला० उल्फतराय जी जैन दिल्ली ,, प्रकाश चन्द्र जी यादती ग्यतौली । मामिक सहायना। १२) ., शीलचन्द्र जी जैन , ११) , संट मगनलाल नेमीचन्द जी जैन तथा राम्ब० । १२) श्री. बाब मुमतप्रसाद जी जन ., संठ रतनलाल मृरजमल जी रांची। १२) ,. ला. श्यामलाल जी जैन ,, १०), संट नानूलाल फन्नलाल जी ठोल्या कोपर गांव । मंत्री-वीर-सेवा-मन्दिर । सागर विद्यालयका सुवर्ण जयन्ती महोत्सव , पाठकों को यह जान कर अत्यन्त हर्ष होगा कि बुन्देलखण्डकी एक मात्र प्रसिद्ध सस्था गणेश दि. जैन संस्कृत विद्यालय का सुवर्ण जयन्ती महोत्सव विद्यालय के संस्थापक एवं संरक्षक पूज्य महामना आध्यात्मिक मन क्षुल्लक गणेशप्रसाद जी वर्णी के सानिध्यमें फाल्गुन शुक्ला (अष्टान्हिका ) में तीर्थराज सम्भेद शिग्वर पर होगा। इसी मुअवसर पर सौराष्ट्र के श्राध्यामिक संत श्री कांजी स्वामी मानगढ ससंघ तीर्थराज पर यात्रार्थ पधार रहे हैं । अत: ममाजक श्रीमानों और विद्वानोंको वहां पधार कर उत्सवको सफल बनाना चाहिये।
SR No.538014
Book TitleAnekant 1956 Book 14 Ank 01 to 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1956
Total Pages429
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size25 MB
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