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________________ अहम वस्वतत्व-सर विश्वतत्व-प्रकार ESHHHHHHHHHHHHHHRESISABIRHIMS वार्षिक मूल्य ५) एक किरण का मूल्य ॥) नीतिक्रोिषवसीयोकम्यवहारवर्तकसम्पा। परमागमस्यबीज भुवनैकगुरुर्जयत्यनेमान्तः। H वर्ष १२ किरण २ । जुलाई १९५३ सम्पादक-जुगलकिशोर मुख्तार 'युगवीर' वीरसेवामन्दिर, १ दरियागंज, देहली अपाद वीर नि० संवन २४७E, वि० संवत् २०१० सम-आराम-विहारी सम भाराम विहारी, साधुजन सम आराम विहारी ।। टेक ॥ एक कल्पतरु पुष्पन सेती, जजत भक्ति विस्तारी। एक कंठविच सर्प नाखिया, क्रोध-दर्प जुत मारी । राखत एक वृत्ति दोउनमें, सबही के उपगारो ॥१॥ सारंगी हरिबाल चुखाबै, पुनि मराल मंजारी । व्याघ्रबालकरि सहित नन्दिनी, बाल नकुलकी नारी। तिनके चरन कमल माश्रयतें, भरिता सकल निवारी ॥२॥ अक्षय अतुल प्रमोद विधायक, नाकौ धाम अपारी । कामधरा विवगडी सो चिरतें, भातम-निधि अविकारी। खनत वाहि लेकर करमें जे, तीक्षण बुद्धि-कुदारी॥३॥ निज शुद्धोपयोगरस चाखत, पर ममता न लगारी। निज सरधान ज्ञान चरनात्मक, निश्चय शिव-मग-चारी। 'भागचन्द' ऐसे श्रीपति प्रति फिर फिर ढोक हमारी ॥४॥ पं० मागचन्द
SR No.538012
Book TitleAnekant 1954 Book 12 Ank 01 to 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1954
Total Pages452
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size27 MB
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