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________________ ॐ अहम तस्व-सघातक तित्व-प्रकाराका वाषिक मूल्य ५) एक किरण का मूल्य ) BHIBITICISHMAHESHBHAmmmmmm ANS MINI UA नीतिक्रोिधवसीलोकव्यवहारवर्तक-सम्पा। परमागमस्यबीज भुवनेकगुरुर्जयत्यनेकान्त वर्ष १२ सम्पादक-जुगलकिशोर मुख्तार 'युगवीर' वीरसेवामन्दिर, १ दरियागंज, देहली मार्गशिर वीरनि० संवत ०४.०, वि. संवत २०१० दिसम्बर किरण . * श्री साधु-स्तुति * ज्ञानको उजागर सहज-सुख सागर, सुगुन-रत्नाकर विराग-रस भरयो है। सरनकी रीति हरै मरनको भै न करे, करनसों पीठि दे चरन अनुसरयो है । धरमको मंडन भरमको विहंडन है, परम नरम है के करमसौ लरयो है। । ऐसो मुनिराज भुविलोकमें विराजमान, निरखि बनारसी नमसकार करयो है॥ . -बनारसीदास
SR No.538012
Book TitleAnekant 1954 Book 12 Ank 01 to 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1954
Total Pages452
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size27 MB
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