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________________ ॐमहम विश्वतत्त्व-प्रकाशक बाषिक मुल्य ५) एक किरण का मूल्म ॥) नीतिविरोषवसीलोकव्यवहारवर्तकसम्यक् । | परमागमस्यबीज भुवनेकगुरुर्जयत्यनेकान्त - - सम्पादक-जुगलकिशोर मुख्तार 'युगवीर' वर्ष १२ वीरमेवामन्दिर, १ दरियागंज, देहली किरण ५ आश्विन वीरनि० संवत २४७६, वि. संवत २०१० श्रीनेमिचन्द्राचार्य-विरचित लघु द्रव्यसंग्रह व्यसंग्रह नामका एक प्राकृत ग्रन्ध जैन समाज में प्रसिद्ध और प्रचलित है. जिसके अनेक अनवाबाँके माथ कितने हीकरण एवं प्रकाशन हो चुके हैं। वह वृहद् द्रव्यसंग्रह' कहलाता है। क्योंकि उसकी संस्कृत टीकामें टीकाकार ब्रह्मदेवने यह मूचित किया है कि 'इस व्यसंग्रहके पूर्व प्रधकार श्रीनेमिचन्द्र सिदान्तिदेवने एक दूसराब व्यसंग्रह मोमष्ठिके निमित्त रचा था, जिसकी गाथा संध्या २६ थी; पश्चात् विशेषतत्त्वके परिज्ञानार्थ इस वृहद द्रव्य संग्रहकी रचना की गई है, जिसकी गाथा संख्या ५८ है। वह मधु द्रव्यसंग्रह प्रभी तक उपलब्ध नहीं हो रहा था और इसलिये आम तौर पर यह समझा जाता था कि उस लघु द्रव्यसंग्रहमें कुछ गाथाकी वृद्धि करके प्राचार्य महादयने उस ही बड़ा रूप दे दिया है- वह अलगसे प्रचारमें नहीं पाया है। परन्तु गत बीर-शासनयन्तीके अवसरपर श्रीमहावीरजीम, बाँके शास्त्रभवहारका निरीक्षण करते हुए, वह मघु संग्रह एक संग्रह प्रग्यमें मिल गया है, जिसे मकान्त पाठकोकी जानकारीके लिये यहाँ प्रकाशित किया जाता है। इसकी गाथा-संख्या संग्रह प्रतिय २५ दो हैं और उन गाथाओंको साफ तौर पर 'सामच्छलेण रया' पदांक द्वारा 'सोम मामके किसी व्यक्तिक निमित्त रची गई सूचित किया है। साथ ही रचयिताका नाम भी अन्तिम गाथामें नेमिचन्द्रगयी' दिया है। हो सकता है एक गाथा इस प्रस्थप्रतिमें जुट गई हो और वह संभवतः१.वी.वी गाथाचोंके मध्यकी वह गाथा जान पानी जो बृहद इम्यसंग्रहमें 'धम्माश्रममा कालो' इत्यादिरूपसे नं०२० पर दी हुई है और जिसमें बोकाकाय या मनोकाकाशका स्वरूप ववित है। क्योंकि धर्म, अधर्म और प्राकाश द्रव्योंकी सरपरक तीन गाथाएँ .,.,.और काख-लसण-प्रतिपादिका गाथा नं. "का पूर्वाध, जो व्यवहारकास सम्बन्ध रखता है. इसमयसंग्रहमें ही है जो कि बृहद् द्रग्यसंग्रह में नं० १., 15, बा २० (पर्म) पर पाई जाती है। इनके अतिरिकवी और
SR No.538012
Book TitleAnekant 1954 Book 12 Ank 01 to 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1954
Total Pages452
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size27 MB
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