________________
ॐ अहम
स्वतत्वप्रा
वार्षिक मूल्य ५)
एक किरण का मूल्य ।)
PAR नीतिविरोधणसालोकव्यवहारवर्तक सम्पदा
मागमस्य बीज भुवनेगुरुर्जयत्यनेमान्तः ।
।
वर्ष १२ किरण
सम्पादक-जुगलकिशोर मुख्तार 'युगवीर'
वीरसेवामन्दिर, १ दरियागंज, देहली भाद्रपद वीरनि० संवत २४७६, वि. संवत २०१०
सितम्बर
ज्ञानी का विचार
(कविवर पानतराय) ज्ञानी ऐसो ज्ञान विचार। राज सम्पदा भोग भोगके, बंदी खाना धार ॥१॥ धन यौवन परिवार आपते, प्रोछो और निहारे। दान शील तपभाव आपते, ऊँचे माहि चितारै ॥२॥ दुख आए पै धीर धरै मन, सुख वैराग सम्हारे । आतम-दोष देख नित भूरै, गुन लखि गरब विडारै ।। ३ ।। आप बड़ाई परकी निन्दा, मुख नाहि उचारै। आप दोष परगुन मुख भाष, मनत शल्य निवार॥४॥ परमारथ विधि तीन योगसौं, हिरदे हरष विथा।
और काम न करै जु करे तो, योग एक दोहारै ॥५॥ गई वस्तु को सोचे नाही. आगम चिन्ता जार। वर्तमान वर्ते विवेकसौं, ममता-बुद्धि विसारै ॥६॥ बालपने विद्या अभ्यास, जावन तप विस्तार । वृद्धपने संन्यास लेयक, प्रातम काज संभार ॥७॥ छहों दरब नव तश्व माहिते, चेतन सार निहार। 'धानत' मगन सदा निज मानी. श्राप तर पर तार ॥॥