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________________ ६८ भनेकान्त [वर्ष ११ उत्तरी हद-दरबाजा सदर (द्वितीय) बिल्डिंग-सम्बन्धी दुकानोंके दरवाजों-सहित, मय सहन दुकानोंके और उसके बाद सड़क सरकारी 'अम्बाला-सहारनपुर-रोड मय कूचा खास वीरसेवामन्दिर जो द्वितीय द्वार उत्तरमुखीसे होकर सड़क सरकारीसे जा मिलता है। दक्षिणी हद--मदरसा सरकारी, कूचा खास मुश्ता , दरवाजा दक्षिणी वीरसेवामन्दिर-बिल्डिंग अभिमुख कुँचा खास मय अराजी सहन, मकानात वारिसान बाबू रामप्रसाद और पंचदरा मुत्ताल्लिक जैनमन्दिर मुसम्मात बुल्ली कवर। (आ) एक घेर (अहाता) पूर्वमुखी, मय दो मकानात पूर्वमुखीके, जो बजरिये बैनामा मवर्खा १५ दिसम्बर सन् १९३६ व मुसद्दका रजिष्टरी १२ अप्रैल सन् १९३७ पाससे मुसम्मात पुष्पमाला व लाला समन्दरलाल जैनके ३००)तीन सौ रु० में खरीद किया था और जिसका जरूरी तामीर व मरम्मतके बाद एक दरवाजा उत्तरकी तरफ खोलकर उसे वीरसेवामन्दिरबिल्डिगमें शामिल कर लिया गया है, मय लघु बागीचेके जो उक्त अहाते में स्थित है और इसलिये इसकी हदें वीरसेवामन्दिर-विल्डिंगकी चौहद्दीमें आ गई है अर्थात् पूर्वमें वीरसेवामन्दिर-बिल्डिंगके दक्षिण-द्वारकी तरफ खाली पड़ी हुई अराजी है, पश्चिममें आबचकादिक है, दक्षिणमें वारिसान बाबू रामप्रसादके मकानात तथा उक्त पंचदरा है और उत्तरमें वीरसेवामन्दिर बिल्डिंग के मकान तथा भीतरी सहन (आगन) है। इस की मालियत जायदाद नं० (अ) में शामिल कर दी गई है। (इ) एक हवेली पूर्वमुखी जद्दी, जो बैठक तथा मकतबके नामसे प्रसिद्ध है, सरसावा मुहल्ला कानूगोयानके चौकमें स्थित है और तकसीमनामा मवर्खा ११ फर्वरी सन् १९२८ व मुसद्दका रजिस्ट्री १३ फर्वरी सन् १९२८के द्वारा मुझे भाईबांटमें प्राप्त हुई है और जिसकी हदें नीचे दी जाती है। इससे किरायेकी सालाना आमदनी प्रायः ७२) रुपये है और इस लिये मालियत १४४०) के करीब है। हदें निम्न प्रकार है: पूर्वी हद-चबूतरा ब सहन उक्त हवेली और उसके बाद रास्ता शारज आम। सहन मुश्तर्का है। पश्चिमी हद-अहाता दक्षिणमुखी लाला रूपचन्द अलीपुरा निवासीका । उत्तरी हद-मकानात हवेली ला. रूपचन्द जैन अलीपुरा निवासीके । दक्षिणी हद-आम रास्ता अर्थात् सड़क सरकारी । (ई) एक चौबारा सूर्यमुखी व दक्षिणमुखी जो उक्त मुहल्ला कानू गोयानमें अपनी पुरानी हवेली जद्दी पश्चिममुखीकी, जिसकी हदें नीचे दी जा रही है, ऊपरकी मंजिलमे स्थित है और अपना अपने भाइयोंका तथा पिता-पितामहादिका जन्मस्थान है और उक्त तकसीमनामाके द्वारा मुझे भाई-बाँटमें प्राप्त हुआ है। इससे किरायेकी सालाना आमदनी प्रायः ४८) रुपये है और इस लिये मालियत ९६०) रु. है। हदें हवेली पश्चिममुखी इस प्रकार है: पूर्वी हद-मकानात वारिसना ला. गोविन्दराय साहब जैन । पश्चिमी हद-रास्ता शारा आम । उत्तरी हदमकानात ला० महावीर प्रसाद जैन चौरीवालोंके मय आवचक मुश्तर्का । दक्षिणी हद-रास्ता शारज आम । (उ) उक्त पुरानी हवेली जद्दी पश्चिममुखीके अन्य मकानात, जिनमें तीन कोठे एक तिदरी और तीन चौबारे तो बजरिये तबादलेनामा मवर्खा ६ मई सन् १९४८ व ततिम्मा (परिशिष्ट) तबादलेनामा मवर्खा ७ मई, दोनों मुसद्दका रजिस्ट्री ७ मई सन् १९४८ के चि० बाबू प्रदमन कुमार के पास से मेरी मिलकियत और कब्जे व दखलमें आये हैं और जिनके कुछ हिस्सोंके गिर जाने आदिके कारण उन्हें बादको बनवाया गया है, और एक कोठा बजरिये बैनामा मवर्खा १४ नवम्बर वमुसहका रजिस्ट्री १५ नवम्बर सन् १९४९ पास से डा. श्री चन्द पुत्र बाबू रामप्रसाद के खरीदा गया और जिसके ऊपर चौवारा नं (ई) स्थित है। इन मकानोंसे किरायेकी सालाना आमदनी प्रायः १२०) और इस लिये मालियत प्रायः २४००) रु. है। (ऊ) देहली क्लाथ एंड जनरल मिल्स कं. लिमिटेड देहलीके सात सौ छह आडिनेरी शेयर्स (Ordinary Shares) जिनके नम्बर इस प्रकार है-१४६२३५ से १४६४५४ तक, २६०५६९ से २६०६७८ तक, ४७५४९१ से ४७५५१३ तक, ६४०८९८ से ६४१११७ तक, ७५५२३२ से ७५५३४१ तक, ९७०१५४ से ९७०९७६ तक । इन में से प्रत्येक शेयर (हिस्से)
SR No.538011
Book TitleAnekant 1952 Book 11 Ank 01 to 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1952
Total Pages484
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size29 MB
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