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________________ ॐ अहम त्सि विश्व तत्व-प्रकाशक वापिक मूल्य ५) इस किरण का मूल्य ॥) । नीतिविरोधबंसीलोकव्यवहारवर्तकःसम्यक् । परमागमस्य बीज भुवनैकगुरुर्जयत्यनेकान्त। वर्ष ११ किरण ११ ____सम्पादक-जुगलकिशोर मुख्तार 'युगवीर' वीरसेवामन्दिर, अहिसामन्दिर-बिल्डिंग १ दरियागंज, देहली पौष शुक्ल, वीर नि० सं० २४७६, वि० सं० २००६ । । जनवरी १९५३ सरस्वती-स्तवनम् (भीविजयकीर्ति-शिष्य-मलयकीर्तिकृत) जलजनंदन-चन्द्रन-चन्द्रमा-महश-मृतिरिय परमेश्वरी । निखिल जाइय-जठोप्र-कुठारिका दिशतु मेऽभिमतानि सरस्वती ॥१॥ वरद-दक्षिण-बाह-धृतानका विशद-बाम-करार्पित-पुस्तिका। उमय-पारिण-पयोज-धृताम्बुजा दिशतु मेऽभिमतानि सरम्बनी ॥२॥ विशद-पत्र-विहंगम-गामिनी विशद-पक्ष-मृगांक-महोज्वला। विशद-पक्ष-विनेय-जनार्चिता दिशतु मेऽभिमनानि सरस्वती ॥३॥ मुकुट-रत्न-मरीचिभिवगैर्वतया परमां गतिमात्मनी । भव-ममुद्र-तरी तु नृणां सदा दिशतु मेऽभिमतानि सरस्वनी ॥४॥ परमहंस हिमाचल-निर्गता सकल-पातक-पंक-विवर्जिता। अमृत-बोध-पयः परिपूरिना दिशतु मेऽभिमतानि सरस्वती ॥५॥ परमहंस-निवास-समुज्वलं कमलयाकृतवासममुत्तमं । वहत (ति) या बदनांबुरुहं सदा दिशतु मेऽभिमतानि सरस्वती ॥६॥ सकल-वाङमय-मूर्तिधरा परा सकल-सत्त्वहितकपरायणा । सकल-नारदे-तुबरे-सेविता दिशतु मेऽभिमतानि सरस्वती ॥ ७॥ मलय-चन्दन-चन्द्र रज-कण-प्रकर-शुभ्र दुकूल पटव्रता । विशद-हंसकहारि-विभूषितां दिशतु मेऽभिमतानि सरस्वती ।।८।। मलयकीर्तिकृता मति संस्तुतिं पठति यः सततां मतिमानरः । विजयकीतिगुरोः कृतसादरां समतिकल्पलताफलमश्नुते ॥६॥ इति सरस्वती-स्तवन समाप्तम् ।
SR No.538011
Book TitleAnekant 1952 Book 11 Ank 01 to 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1952
Total Pages484
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size29 MB
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