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________________ ३३६] अनेकान्त बाकरण * आदर्श-विवाह * ... देहली के सुप्रसिद्ध स्वर्गीय नीचे प्रकाशित है। स्थानीय मंदिरों को चांदी और सिलवर रामबहादुर ला. नन्दकिशोरजी के वर्तन भेंट किए गए तथा दो सुन्दर मनोज पांडुक मुर्णरन्टेसिंडग इंजीनियरकी शिलाय लाल मंदिर और मेटके कुचके मंदिरों को प्रदान पौत्री तथा श्रीजिनेन्द्रकिशोरजी की गई। जनजौहरीकी सुपुत्रीत्रायुधमनी १.०१) वीरसंवामंदिर, दरियागंज दिल्ली चि. उर्मिलारानीका शुभ विवाह १०१) स्यावाद महाविद्यालय, बनारस फिरोजाबादक सुप्रसिद्ध उद्योग- १.१) वर्णी विद्यालय मागर । पति दानवीर संठ छदामी २११) श्री समन्तभद विद्यालय दिल्ली लालजी जैनके सुपुत्र चिरंजीव कुवर विमलकुमार जीक साथ बढ़ी धूमधाम से ता. ११-११-१२ मार्गशीर्ष शुक्ला २) जन औषधालय मठका कृचा, दिल्ली २ को मानन्द मम्पन हुआ। . २५१) टी. वी. कमेटी दिल्ली . दोनों पक्ष धार्मिक परिवार है इमो लिये भारतके २११ उत्तर प्रांतीय गुरुकुल हस्तिनागपुर आध्यात्मिक संत न्यायाचार्य पूज्य चु० गणेशप्रमाद जी २११) पन्नालाल जैन विद्यालय फिरोज़ाबाद वर्णीका शुभ आशीर्वाद वर-कन्याको प्राप्त हुया, साथही २५१) कन्या पाठशाला फिरोजाबाद मनोज्ञ १. शिक्षाएँ यापने भिजवाई, जिसमे गृहस्थाश्रमका १०१) जैन बाला विश्राम यारा जीवन धार्मिक और सुग्यमय व्यतीत हो । १.१) अग्विल विश्व जैन मिशन अलीगंज यह विवाह संस्कार जैन विवाह विधिमे ला. राज- ०१) जैन मंदिर चिराग़ देहली कृष्ण जी और पं० सुमेरचंद जी शास्त्रीने सम्पन्न कराया। १०१) पार्श्वनाथ किला बटापुर नहमील नगीना (विजनार) इसमें स्थानीय और बाहरसे माये हुए विद्वानोंकी संख्या २१) वीर सभा दिल्ली एक दर्जन थी, और अनेक प्रतिष्ठित श्रीमान् भी वारात १५) वर्णी जैन विद्यालय मलहरा मे बाहरसे पधारे थे । जिन्होंने वरवधू को बड़े ही मधुर ११) सम्मेद शिखर जी शब्दाम आशीर्वाद दिया। अनेक महानुभावाने मंगल ५१) श्री महावीर स्वामी जी कामना सूचक संदेश भी भेजे थे। बारात में जुलूस दर्शनीय निम्न संस्थानां और पत्रों की २१-२१) २० दिया गया है था, जिसने राजधानीकी जनताके मनको अाकर्षित कर बर्द्धमान लायब्ररी दिल्ली, अनेकांत मासिक जैन, मित्र, दिया। जैन संदेश, बीर, जन प्रचारक, वाइम आफ्न अहिसा, जन वर चांदीके सुन्दर हम निर्मित सिंहासन पर आसीन गजट हिंदी, जैन गजट अंग्रेजी, जैन दर्शन मोरेना, वीर था । जुलूस फतहपुरी चांदनी चौक और दरीया होता शामन कटनी, सतघरा महिलाश्रम देहली, ब्रह्मचर्याश्रम हुधा म्वागत स्थल पर पहुंचा। मथुरा, श्री हस्तनागपुर क्षेत्र, चम्पापुर जी, गिरनार जी. जुलूसका अनेक स्थानों पर स्वागत किया गया। राजगृहजी, पावापुर जी, अहिच्छेत्र, जम्बूस्वामी जी, दरीबा कलां कांग्रेस कमेटी ने भी स्वागत किया। विवाह- शौरीपुर, कम्पिला जी, कोसाम्बी जी, वंशालीनीर्थक्षेत्र, के सानन्द सम्पन्न होने के हर्षोपलचपलाश्रमें सेठ बदामी- सोनागिर जी, अहारक्षेत्र, देवगढ़ जी, पपौरा जी, थूबीन, लालजी ने ११००)रु० का दान किया जिसकी दान-सूची बाइबलिजी श्रवणवेलगोला, ८ पोस्टेज आदि। परमानन्द जैन शास्त्री
SR No.538011
Book TitleAnekant 1952 Book 11 Ank 01 to 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1952
Total Pages484
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size29 MB
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