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________________ अनकान्त [वर्ष १० तस्याः सुपुत्राः दीप्तिभासः ॥२४॥ तत्पट्टनाथः प्रभुकक्कसरि. श्रीपार्श्वनाथस्य गणे प्रतीने सिद्धान्तरत्नाकररत्नभूरिः पुरा प्रवीणः सुभदत्तनामा सद्देशनादरा विशेषदानाद् यदाख्यया केशिगणः प्रसिद्धः हि जेजयीते वसुधातलेऽस्मिन् ॥२६॥ केशी ततोऽपि प्रगुणो बभूव ॥२५॥ तस्योपदशाद् सुविधाप्य हैमं जीवादितत्वप्रगुणगुणात्मा सैद्धान्तकिं ? पुस्तकमेतदेवं सदाशुभः स्वप्रभुपृरिराजा श्रीवाचनाचार्यवराय वित्तरत्नाकरां ख्यातिमवाप गच्छ सराय सादाद् निजहर्षयोगात् ॥३०॥ स्ततश्च रत्नप्रभसृरिरेषः।।२६॥ युग्मम् यावत् स्थिरो मेरुमहीधरोऽयं उकेशतो यत्प्रतिबोधदानाद् तथा ध्रु वाक्षिः खलु चन्द्रसूरी उकशगच्छः प्रथतां जगाम तावद् दृढं नन्दतु वाच्यमानं यक्षस्य बोधे प्रतिबोधशक्त्या हर्षेण हृद्य प्रतिवर्षमेतत् ॥३१॥ श्री यक्षदेवः सुगरुस्ततोऽनु॥२७॥ श्रीकक्कुटाचार्यगणप्रतीतो इति सावर्णकल्पपुस्तकप्रशस्तिसमाप्तमिति ॥छ। श्रीदेवगुप्तो भवनीरनौका । सं० १५१६ वर्षे चैत्रसुदि ८ अष्टम्यां रखो सद्भाग्यमौभाग्यनरैककोशः श्रीपत्तनवास्तव्यं मं. बाछाकन लिवितं ॥ श्रीसिद्धमुरिस्तदवाप्तपट्टः ॥२८॥ भद्र' भूयात् । श्रीसंघस्य ॥छ। प्रहार क्षेत्रके प्राचीन मूर्तिलेख [ संग्राहक-पं० गोविन्ददास जैन, न्यायतीर्थ शास्त्री ] (वर्ष : किरण १० से आगे) -2)*:(नं. ३०) १० के वैशाख मुदी १३ को प्रतिष्ठा काई। ये मृत्तिका शिर और दोनों हाथ नहीं है । आमन- सब उसे सदा प्रणाम करते हैं । से पता चलता है कि मूति कुछ बड़ी थी। चिन्ह (नं० ३१) शेरका है। करीब २ फुट ऊँची होगी। पद्मासन है। मूर्तिका सिर्फ आसन उपलब्ध है। बाकी पाषाण काला है। आङ्गोपाङ्ग नहीं हैं। चिह्न शेरका है। करीब लेख-सम्बत् १२०६ वैशाख सुदी १३ माघुवान्वये श फीट पद्मासन है। पाषाण काला है। पालिश साहुयशवंत तस्य सुत मायसहद तस्य भार्या माहिणि चमकदार है। तयोः पुत्र श्यामदेव एते प्रणमन्ति नित्यम् । लेख-सम्बत् १२१० वैशाख मुदी १३ पण्डिनश्रीभावार्थ:-माघव वंशोत्पन्न शाह यशवन्त उनके विशालकीर्ति आर्यिकात्रिभुवनश्री तयोः शिष्यणी पर्णश्री पुत्र साहु यशहद उनकी धर्मपत्नी माहिणि उन तथा धनश्री एताः प्रणमन्ति नित्यम् । दोनोंके पुत्र श्यामदेवने इम प्रतिबिम्बकी सम्बन भावार्थ:-सम्बत् १२१० के वैशाम्ब सुदी १३ को
SR No.538010
Book TitleAnekant 1949 Book 10 Ank 01 to 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1949
Total Pages508
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size30 MB
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