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________________ मुख्तार साहबकी ७१वीं वर्षगांठका दान वीर-सेवा-मन्दिरके संस्थापक व अधिष्ठाता रनपुर, जैनकालिज सहारनपुर, स्याद्वाद महाविद्यालय श्रीमान् पं० जुगल किशोरजी मुख्तारने अपनी ७१ वीं काशी, दि० जैनसब मथुरा, ऋ० ब्रह्मचर्याश्रम मथुरा, वर्षगांठके अवसरपर गत मंगसिर सुदि ११०५५) रु० सत्तक जैनसंस्कृत विद्यालय सागर, श्रीकुन्दकुन्द जैन का जो दान निकाला है और जिसे उन्होंने समान रूप हाईस्कूल खतौली, जैनबालाविश्राम आरा. जैन अनासे वितरित किया है वह जिन ५१ संस्थाओं आदिको थाश्रम देहली नमि जैन औषधालय देहली, जैनदिया गया है उनके नामादि इस प्रकार हैं मित्र मण्डल देहली. दिगम्बर जैन परिषद देहली, दि० ___ श्रीसम्मेदशिखर, राजगृह. पावापुर, गिरनार जैन विद्वत्परिषद् बीना, जैन औषधालय बड़नगर, शत्रञ्जय,सोनागिर, कुन्थलगिरि, गजपंथा, हस्तिनापुर जैनकालिज बड़ौत, जैनसिद्धांतभवन श्रारा, महावीर द्रोणगिरि, रेशिंदेगिरि, महावीर जी, पञ्चायती जैन- जैनगुरुकुल कार झा, दि० जैन महासभा देहली, मन्दिर सरसावा। जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी बम्बई, मत्यसमाज वर्धा, जैन___ अनेकान्त, आत्मधम, सङ्गम, वीर, वीरवाणी गुरुकुल व्यावर, वीर विद्यालय पपौरा, परिषद् जैन2-6, जैन सन्देश. जैनगजट (अंग्रेजी) खण्डल- परीक्षा बोर्ड देहली (किसी भी परीक्षामें प्रथम आने ....जैनहितेच्छु, जैन, जनमहिलादश। वाले हरिजन या मुसलमानको पारितोपक). अतिथि वीर सेवामन्दिर, जैन कन्यापाठशाला सरसावा, सेवासमिति सोनगढ़। जैनगुमफुल सहारनपुर, जैनग्वैराती शफाग्वाना सहा -दरबारीलाल कोठिया - भारतीय ज्ञानपीठ काशीके प्रकाशन " १. नहाबन्ध-(महाधवल मिद्धान्त शास्त्र) प्रथम भाग। णिक रौमॉम) ४॥) हिन्दी टीका महित १२) ८.दो हजार वपैकी पुरानी कहानियां-(६४ जैन २. कालक्रुण-(मामद्रिक शास्त्र) हिन्दी अनुवाद कहानिया) व्याख्यान तथा प्रवचनामे उदाहरण देने योग्य ३) मरिन । दारंग्या विज्ञानका नवीन ग्रन्थ । सम्पादक-प्रो. .. पथचिह्न-(हिन्दी माहित्यकी अनुपम पुस्तक) स्मृति प्रफुल्लचन्द्र मोदी एम००, अमरावती । १) ग्याएं और निबन्ध । २) ३. मदनपगजय-कवि नागदेव विरचित (मूल मंस्कृत) १० पाश्चात्त्य तकशाल-(पहला भाग) एफ० ०० के भाषानुवाद तथा विस्तृत प्रस्तावनामहित । जिनदेव के कामके लाजिकके पाठ्यक्रमको पम्तक । लेखक-भिक्षु जगदीशजी पराजयका सरम रूपक । मन्पादक और अनुवादक-पं. काश्यप, एम० ए०. पालि-अध्यापक, हिन्द विश्वविद्यालय राजकुमारजी मा० ८) काशी । पृष्ट ३८४ । मल्य ४||) ४. जैनशासन-जैनधर्मका परिचय तथा विवेचन करने ११. कुन्दकुन्दाचार्य के तीन रव-२)। - नौ मुन्दर रचना । हिन्द विश्वविद्यालय के जेन रिलीजनके १२. कन्नडप्रान्तीय ताडपत्र ग्रन्थसूची-(हिन्दी) मृद्रविद्री एफ. ए. के पाठ्यक्रमम निर्धारित । कवर पर महावीरस्वामी के जैनमठ, जनभवन, सिद्धान्तबसदि तथा अन्य ग्रन्थ का तिरंगा चित्र । ४।) भण्डार कारकल और अलियूरके अलभ्य नाइपत्रोयग्रन्यांका ५. हिन्दी जैन साहित्यका संक्षिप्त इतिहास-हिन्दी सविवरण परिचय । प्रत्येक मन्दिग्मे तथा शास्त्रभंडारमे विरा जैन माहित्यका तिह म तथा परिचय । || ) जमान करने योग्य । १०) ६. आधुनिक जैन कवि-वर्तमान कवियोका कलात्मक वीर सेवामन्दिरके सब प्रकाशन यहांपर मिलते हैं। परिचय और सुन्दर रचनाऐ । ३||) -प्रचाराथपुस्तक मंगाने वाले मनुभावों को विशेषमुविधा। ७. मुक्ति-दृत-अञ्चना-पवन नयका पण्य चरित्र (पोर भारतीय ज्ञानपीठ काशी, दुर्गाकुण्ड रोड, बनारस ।
SR No.538009
Book TitleAnekant 1948 Book 09 Ank 01 to 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1948
Total Pages548
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size35 MB
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