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अनेकान्त
[ वर्ष ६ .
(३) चम्पतरायजीका वास्तवमें भले प्रकार (१६)
लखनऊ. ४-१०-२६ सम्मान करना चाहिये। पदवी मेरी रायमें नीचे १-जैनगजटकी खबरका खण्डन किसी बड़े लिखेमेंसे हो।
आदमीके नामसे छपवावें। (१) जैनसिद्धान्तरत्नाकर (२) जैनतीर्थोद्धारक २-रिलीजन ऑफ इम्पायर पुस्तकमें क्या जैन(३) जैनतत्त्वसागर (४) जैनधर्मकुमदेन्दु धर्मका कुछ विशेष हाल लिखा है यदि हो तो आप
(५) जैनबोधमार्तण्ड (६) जैनदर्शन सूर्य पढ़ने भेज दीजियेगा। ए० सी० बोसका लेक्चर भी छपवा लें ट्रकृमें
३-गोम्मटसार जीवकांड करीब आधा छप (४) आगामी जयन्तीमें ऐसे अजैन विद्वानोंको गया है। १ मासके अनुमानमें शायद पूर्ण होजायगा सभापति करें जो हरएक जल्से में हाजिर हो कार्यवाई फिर कर्मकांड १ तिहाई तर्जुमा हुआ है सो छपेगा करे यदि महर्षि शिवव्रतलाल रह सके तो ठीक फिर और ग्रन्थ मि० जैनीका तर्जुमा उन्हीके खर्चसे अन्यथा मि० बोस ही सभापति रहे ।
छप रहा है। लैक्चरर--
४-सेठ हुकमचन्दके विरोधमें एक बड़ी सभा ___ ऋषभदास वकील-मस्तराम एम० ए० लाहौर, देहली आदि कहीं होकर विजातीय विवाहकी पुष्टिमे प्रो० हीरालाल एम० ए० अमरावती, कस्तूरचन्द जैन प्रस्ताच सब पञ्चायतमें जावे। सभापति प्यारेलाल वकील जबलपुर. पं० दरबारीलाल इन्दौर. पं० वकीलके समान कोई व्यक्ति हो। आप ट्रैकृका तो माणिकचन्दजी. पं० कुँवरलालजी न्यायतीर्थ, रतन- प्रचार करते रहे। लाल वकील बिजनौर, वर्णी गणेशप्रसादजी. फनी- (क)
लखनऊ १-६-२६ भूषण अधिकारी बनारस, विंध्यभूषण भट्टाचार्य १-सूचनाये सूरत भेजी जाचुकी है।। शान्तिनिकेतन, बोलपुर बङ्गाल आदि विद्वानोको २-कविता पूजाकी करना बहुत कठिन काम है बुलावे।
अजितप्रसाद वकील कर सकते है यदि परिश्रम करें। उत्साहपूर्वक ट्रकोको खूब बाँटें। धर्मका प्रचार ३-पजाम भूमिका ठीक करनेकी जरूरत है उस करें। काममे शिथिलता न करे । पहाडी हाई स्कूल मे तेरह-पंथकी रीति दी है चाहिय दानो रीति देना। की रक्षा करावे । देहलीमे जैनबोर्डिङ्ग करावें। हमने शब्द व शब्द वाँचा नहीं तथापि तर्जुमा ठीक (१८)
७-१२-०६ होगा वारिस्टर साहबका काम है। __आपके सब ट्रैक व सैंससका उतारा पाया मैं (२५)
वर्धा, १५-३-०६ यथाशक्ति पानेकी कोशिश करूँगा अजितप्रशादजीको आज लेख मुक्ति व उसके साधनपर भेजा है १५-२० दिन पहले लिखना अभी वे हाँ नहीं करेंगे सदुपयोग करे व सूरतमे ही छपावे बड़ी मेहनतसे मै एक ट्रक "हमारा सनातन जैनमत" लिखना चाहता लिखा है। हूँ इसीपर व्याख्यान दूंगा उमका आप छपवाकर यदि मेरे बुलानेका विचार हो जयन्तीपर तो बँटवा सके तो मै लिखनेका कष्ट उठाऊँ। ४० पृष्ठक सम्मति करके बुलावे व पूर्ववत् सम्मानसे बिठाले व करीब होगा उत्तर दीजियगा।
भाषण अपन विषयपर दिलावे यदि राय न पड़े तो चन्द्रकुमार शास्त्री, कुँवरलाल शास्त्री, दरबाग- कभी न बुलावें आपका जल्सा निर्विघ्न हो सो करें। लालजी, जुगल किशोरजी. बनवारीलाल मेरठ श्रादि एक दिन २ घण्टे विशेष पूजा सब मिलकर करें। को बुलावें तथा आप जितने बड़े-बड़े अजैन विद्वानों उत्मवके साथ जिसे अजैन भी देखे । मंडपमें श्रीजीको को जानते हैं उनसे message मॅगावें। काम उत्माह विराजमान करके करे फिर पूजाके पीछे वहीं पहुँचा से करें। धर्मकी महिमा प्रगटे सो उपाय करे। देखें । पहुँच देखें लेखकी।