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(१)
(२)
भाई जौहरीमलजी धर्मस्नेह कहें
(२) प्रभाचन्द शास्त्री सुना है— यहाँ नौकरी की है वह धर्मको न त्यागे इसपर ध्यान - (३) देहली में एक जैनबोर्डिङ्गकी बड़ी जरूरत है इसका प्रयत्न करावें ।
(५) कर्मानन्दजीका क्या हाल है । सर्व धर्मस्नेह कहे ।
अनेकान्त
दाहोद (पंचमहाल) (६) जैन पाठशाला १६-१०
हिसार, महावीरप्रसाद वकील ६-११-३६
वैरिस्टर चम्पतराय क्या देहली आयेंगे, कब तक किस दिन किस समय आवेंगे. ठीक पता हो तो लिखें । व. वे देहली में कहाँ ठहरेंगे ।
मैं १४ या १५ को यहाँ से चलूँगा यदि अवसर तो मिलता जाऊँगा ।
(३)
(५)
श्राविकाश्रम, तारदेव बम्बई ३-११
मैं १५ दिनसे बीमार था। अब ठीक हूँ। जूता पाया । नाप ठीक हुई. आपका धर्मप्रेम सराहनीय है। क्या देहलीमें बो० की कोई तजबीज
सर्राफ व सबसे धर्मप्र म कहें ।
[ वर्ष ह
वर्धा C/o जमनालाल बजाज १२-११-२७
ट्रैकृ नं० ४८ किस विषयका - आप एक कोई इतिहास मुझे भेजिये जो वर्तमान पठनक्रममें चलता हो मैं देखकर उत्तर लिख भेजूंगा उसे श्राप मंजूर करावें फिर दूसरी पुस्तकको भेजें या प्रोफेसर हीरालालजी कर सकते हैं 1
(8)
२४-१० मेर पुस्तक मिली पढ़कर यदि कामताप्रसाद चाहेंगे तो भेज देंगे । लेख निकल गया होगा ।
जैनगजट अङ्क ४३ अभी आया नही आप सूरत से मॅगा लें व वही कहीसे देख लें ।
उपजातिविवाह आन्दोलनको जोर देना चाहिये । वर्धा, २२-३-२७
यदि बैरिस्टर साहब तैयार है तो मंडलकी ओरसे उन्हीं को गुरूकुलके उत्सवमें भेजिये । यदि मुझे भेजना हो तो नियत तिथि होनी चाहिये व एक जैनी रसोई के लिये साथ चाहिये तथा उनकी स्वीकारता आपके ही द्वारा आनी चाहिये ।
वर्धा. सेठ जमनालाल बजाज २-११-२७
कार्ड पाया मैं ता० १८ नवम्बर तक यहाँसे बाहर नहीं जा सकता हूं इसलिये आप पं० जुगलकिशोरजीको बुला लेवें या बाबू न्यामतसिंहजी हिसारको । जौहरी मलजीका पता क्या है धर्मस्नेह कहे । खंडवा २५-१०-२७
(८)
मैं स्वस्थ हॅू चिन्ता की बात नहीं है । जयन्ती पर आने के सम्बन्धमे अभी कुछ नहीं कह सकता हूं। was a आप तीनों दिन भाई चम्पतरायजीको सभापति बनावें व उनका बढ़िया छपा हुआ भाषण करावें व बॉटें । चम्पतरायजीसे काम लेना चाहिये नहीं तो वे फिर वकालतमे फँस जावेंगे
यदि लाला लाजपतरायसे कुछ जैनमतकी प्रशंमा पर कहला सकें तो बहुत प्रभाव हो ।
(ह)
खंडवा. १५-१०-२७ पत्र पाया व पुस्तकें पाई। नागपुर भेजा बहुत खूब धर्मप्रचार करें। मेरा लिखा ट्रैक यह अशुद्ध अच्छा किया उर्दू पुस्तके पहले मिली थीं। आप छुपा है क्योंकि मेरे अक्षर सिवाय सूरनवालोंके और कोई पढ़ नहीं सका। यदि आप कोई हिन्दी ट्रैक चाहते हों तो मैं लिख सकता हूं पर आप कमेटी से पाम करालें कि वह सूरत ही शीघ्र छपे तो मैं लिखूँ पं० मथुरादासको समझाकर बोलपुर शान्तिनिकेतन भिजवावें वहाँ बहुत जरूरत है अधिक वेतनका लोभ न करें यहाँ उनकी भी योग्यता बढ़ेगी उनका जवाब लेकर लिखना ।