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| भारतीय ज्ञानपीठ काशीके प्रकाशन
१. महाबन्ध-(महधवल सिद्धान्तशाख) प्रथम भाग । हिन्दी टीका महित मूल्य १२)।
२. करलक्खण-(मामुद्रिक-शास्त्र) हिन्दी अनुवाद सहित । हस्तरेखा विज्ञानका नवीन ग्रन्थ । मम्पादक-प्रो० प्रफुल्लचन्द्र मोदी एम० ए०, अमरावती । मूल्य १)।
३. मदनपगजय- कवि नागदेव विरचित (मृल संस्कृत) भाषानुवाद तथा विस्तृत प्रस्तावना महित । जिनदेवके कामक पराजयका मग्म रूपक । सम्पादक और अनुवादक पं० गजकुमारजी सा० । मू०८)
४. जैनशामन-जैनधर्मका परिचय नथा विवेचन करने वाली सुन्दर रचना । हिन्दू विश्वविद्यालयके जैन रिलीजनके एफ. ए० के पाठ्यक्रम निर्धारित । मुखपृष्ठपर महावीरस्वामीका तिरका चित्र । मुल्य ४-)
५. हिदी जन-साहित्यका संक्षिप्त इतिहास-हिन्दी जैन-माहित्यका इतिहास तथा परिचय | मूल्य २)|
६. आधुनिक जैन-कवि-वर्तमान कवियोंका कलात्मक परिचय और सुन्दर रचनाएँ । मूल्य ३||)
७. मुक्ति-दुत-अमना-पवनञ्जयका पुण्यचरित्र (पौराणिक गैमाम) मू०४||)
८. दो हजार वर्षकी पुरानी कहानियां-(६४ जैन कहानियाँ) व्याख्यान तथा प्रवचनोंमें उदाहरण देने योग्य । मृल्य ३JI
९. पथचिह--(हिन्दी माहित्यकी अनुपम पुस्तक) स्मृनि रेखाएं और निबन्ध । मूल्य २)।
१०. पाश्चात्यतकशास्त्र--(पहला भाग) एक० ए० के लॉजिकके पाठ्यक्रमकी पुस्तक । लेखक-भिक्षु जगदीशजी काश्यप, एफ० ए०, पालि--अध्यापक, हिन्दू विश्वविद्यालय, काशी | पृष्ठ ३८४ । मूल्य II)।
११. कुन्दकुन्दाचायेके तीन रत्नमूल्य २)।
१२. कन्नडप्रान्तीय ताडपत्र ग्रन्थसूची (हिन्दी) मृडबिद्रीक जैनमठ, जैनभवन, सिद्धान्तवाद तथा अन्य प्रन्थभण्डार कारकल और अलिपूरक अलभ्य ताडपत्रीय प्रन्थोंके मविवरण परिचय । प्रत्येक मन्दिरमे तथा शास्त्र- भण्डारमे विराजमान करने योग्य । मृल्य १०)।
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वीरसेवामन्दिरके सब प्रकाशन भी यहाँपर मिलते हैं
प्रचारार्थ पुस्तक मॅगाने वालोंको विशेष सुविधाएँ भारतीय ज्ञानपीठ काशी, दुर्गाकुण्ड रोड, बनारस ।
DERSTANI RANI
MAHAR
Mahakari