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सम्पादक-जुगलकिशोर मुख्तार
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वीर-शासन-जयन्तीका वार्षिकोत्सव
. . ५५५ ६-१०
प्रिय बन्धुनो! .. ................।
पापको मालूम है कि भावण कृष्ण प्रतिपदाकी इतिहास प्रसिद्ध पुण्यतिथि भारतीय पावन पर्व 'वीर-शासन-जयन्ती को लिये हुए सामने पा रही है। इसके स्वागतार्यवीरसेवामन्दिरने हर वर्षकी तरह इस वर्ष मी वार्षिकोत्सवका आयोजन किया है, जो इस वर्ष और भी अधिक उत्साहके साथ मनाया जायगा और जिसमें बाहरसे अनेक बध-प्रतिष्ठ विद्वानों तथा श्रीमानोंके पधारनेकी पूर्ण प्राशा है । उत्सवकी तारीखें २५, २६ जुलाई सन् १९४५, दिन बुधवार तथा गुरुवारकी हैं । अत: मापसे सानुरोध निवेदन है कि भाप इस शुभ अवसरपर
अवश्य ही वीरसेवामन्दिरमें पधारनेकी कृपा करें और अपने इस सर्वातिशायी पावन पर्वको : यथेष्टरूप में मनानेके लिये अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करते हुए हमें प्राभारी बनाएँ।
निवेदकछोटेलाल जैन (सभापति) पन्नालाल जैन (मंत्री) जुगलकिशोर मु० (अधिष्ठाता) ।
: विषय
पृष्ठ | विषय श्रीवीर-जिनस्मरण
गुलामी (खण्डकाव्य) 1 - २ भगवान महावीरसे (कविता). १२ सुख और दुख , ३ समीचीन-धर्मशास्त्र और उसका १३ वीरके वैज्ञानिक विचार १३ हिन्दी-भाष्य
१४ श्री श्रमणम. महावीर और ४ श्रीदादीजी-वियोग! १॥ उनके सिद्धान्त ५ श्रीचन्द्रनामके तीन विद्वान् १०३१५ मोक्ष तथा मोक्षमार्ग १४४ ६ क्या लकरएडा. स्वामी १६ गजपन्य क्षेत्रका अविप्राचीन
समन्तभद्रकी कृति नहीं है? १०५ उस्लेख * ७ स्वावलम्बन और स्वतंत्रता ११७ | १७ पत्रकारके कर्तब्यकी
८ भारतीय इतिहासका जैनयुगा२१ अवहेलना! *. पथिकसे (कविता) १२७ / १८ जीवठाण सम्प्ररूपणाके सूत्र *१०वीरसन्देश
१२८ ।
१३में संजद' पाठ १५०