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DUSTA
ATHERE
ARENA
सम्पादक-जुगलकिशोर मुख्तार
'न्यायदीपिका के प्रिय पाठकों के लिये यह जानकर हर्ष होगा कि वीरमवामन्दिरके अन्यतम विद्वान पं० दरबारीलालजी कोठिया, जैनदर्शन शास्त्री न्यायतीर्थ, न्यायाचार्य द्वारा सम्पादित और अनुवादित न्यायदीपिकाका नया विशिष्ट संस्करण छप कर प्रायः तैयार हो गया है। प्रस्तावना और कुछ परिशिष्ट मात्र बाकी है । यह संस्करण अपनी खास विशेषतायें रखता है। अब तक प्रकाशित संस्करणोमे जो अशुद्धियाँ चली आ रही थी उनका प्राचीन प्रतियों पर संशोधन होकर प्राकथन, सम्पादकीय प्रस्तावना, विषय-सूची, मूल न्यायदीपिका न्यायदीपिकाका हिन्दी अनुवाद और कोई ६ पशिष्टोसे संकलित है। प्रस्तावनामे न्यायदीपिका और अभिनव धर्मभूषण यतिका विस्तृत परिचयके साथ न्यायदीपिकाम उल्लिखित ग्रन्थ और ग्रंथकारोंका तथा न्यायदीपिकागत प्रमेयका संक्षिप्त परिचय कराया गया है। इस संस्करणकी सबस बड़ी विशेषता एक यह है कि सम्पादकका स्वनिर्मित संस्कृत भाषामें ग्रंथगत कठिन शब्दों और विषयोका खुलासा करने वाला 'प्रकाशाख्य' टिप्पण भी लगा हुआ है जो कई दृष्टियोंसे महत्वपूर्ण और विद्यार्थियो तथा कितने ही विद्वानोके कामकी चीज है। लगभग ३०० पृष्ठोमे यह पुस्तक समाप्त हुई है। कीमत लागतमात्र तीन रुपया रक्खा गया है।
प्रकाशन-विभाग,
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१ अईस्मरण २ स्वामी समन्तभद्र धर्मशास्त्री, तार्किक
और योगी तीनों थे ३ पं० पद्मसुन्दरके दो ग्रन्थ ४ रत्नकरण्डश्रावकाचार और श्रा० कर्तृत्व, .. ५ भगवतीदास नामके चार विद्वान ६ बन्दिनी कहानी] - .. १६ ७ त्रैलोक्यप्रकाशका रचना-गर्म और रचयिता