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* *अहम् *
* अनेकान्त र सत्य, शान्ति और लोकहितके संदेशका पत्र .
नीति - विज्ञान - दर्शन-इतिहास-साहित्य -कला और समाजशास्त्र के प्रौढ विचारोंसे परिपूर्ण
सचित्र-मासिक
सम्पादक जुगलकिशोर मुख्तार 'युगधीर' अधिष्ठाता 'वीरसेवामन्दिर' (समन्तभद्राश्रम )
सरसावा जि० सहारनपुर
छठा वर्ष [भाद्रपद वीर नि० सं० २४६९ से श्रावण वीर नि० सं० २४७० तक ]
अगस्त सन् १६४३ से जुलाई सन् १६४४ तक
प्रकाशक
परमानन्द जैन शास्त्री वीरसेवामन्दिर, सरसावा जि० सहारनपुर
बार्षिक-मूल्य चार रुपया ।
जुलाई सन् १६४४
(एक किरयका मूल्य
छह माने