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कान्त (सविज्ञप्ति अंक) छठे वर्षकी विषय-सूची
विषय और लेखक
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अज्ञाननिवृत्ति- [पं० माणिकचन्दजी न्यायाचार्य २३३ तात स्मृति ( एक स्केच ) - ( पं० कन्हैयालाल ४७ अनेकान्त जैन समाजका गौरव है वि० ० १८ अनेकान्त-रस-लहरी - (सम्पादक ३, ४३, १२३
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अन्तर (कविता) - [ मुनि श्रमरचन्द अपमान के बदले में आशीर्वाद - [श्री 'स्वतंत्र' २२० अभिनन्दन - [पं० काशीराम शर्मा 'प्रफुल्लित ' १८६ अभिनन्दन पत्र अभिनन्दनादि के उत्तर में पं० जुगलकिशोर मुख्तारका भाषण - ६५ अभ्यर्थना (कत्रिता) पं० काशीराम शर्मा 'प्रफुल्लित' ३५८ अमरकृतियों के सृष्टा - [ " श्राचार्य श्री मुख्तारजी - [पं० मोहन शर्मा का मैस्मेरेज्म और जैनधर्मका रत्नत्रय[बा० कौशलप्रसाद आत्मशक्तिका माहात्म्य - [ श्रीचन्दगीराम विद्यार्थी २४६ श्रादर्श अनुसन्धाता - [ डा० ए० एन० उपाध्ये आदर्श पुरुष - [पं अजितकुमार शास्त्रीं आवश्यक निवेदन - [ श्री दौलतराम मित्र आँसू (कविता) - ( पं० बालचन्द जैन एकांकी - [पं० रविचन्द्र एक सरस कवि - [पं० मूलचन्द वत्सल ऐतिहासिक सामग्रीपर विशेष प्रकाश - [ अगरचंद कठोर साधक - [पं० लालबहादुर शास्त्री कर्तव्य पालनका प्रश्न - [ श्री राजेन्द्रकुमार कमंबीर (कहानी) - [ बा० महावीरप्रसाद वी. ए. कला प्रदर्शनीकी उपयोगिता - [ श्री अगरचंद नाहटा ३०६ कवि - कर्तव्य (कविता) - (श्री भगवत् जैन कवि-कर्तव्य ( कविता ) - [ श्री पं० काशीराम शर्मा -३६ कवि-प्रतिबोध (कविता) - [पं० कपूर चन्द जैन 'इन्दु' ६८ afa - प्रतिबोध (कविता) - श्रीमामराज 'हर्षित ' ६६
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कार्यकर्त्ताओं और संस्थाओं के उद्गार केवलज्ञानकी विषयमर्यादा- [पं०माणिकचंद ३१७, ३६५ कौनसा क्या गीत गाऊँ (कविता - [ श्रीश्रोमप्रकाश २४८ कृपण, स्वार्थी, हठमाही - 1 श्री कौशलप्रसाद जैन २१५ क्या गृहस्थ के लिये यज्ञोपवीत आवश्यक है ?[पं० रवीन्द्रनाथ
क्या नियुक्तिकार भद्रबाहु और स्वामी समन्तभद्र एक हैं ? - [ न्या० पं० दरबारीलाल क्या रत्नकरण्ड श्रावकाचार स्वामी समन्तभद्रकी कृति नहीं हैं ? - [ न्या० पं० दरबारीलाल गद्य-गीत - [ श्री 'शशि''
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ग्वालियर में जैन शासन - [बा० प्रभुलाल जैन प्रेमी १७ ग़लती और ग़लतफ़हमी - [सम्पादक
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गीत (कविता) - ( कमलकिशोर 'वियोगी' ३३८ गुरुदक्षिणा ( कहानी ) - [ बालचन्द जैन विशारद ३३६ गोत्र - विचार - ( पं० फूलचन्द सि० शास्त्री २८६, ३०६ गोत्रविचार परिशिष्ट - [पं० फूलचन्द चरवाहा ( कहानी ) - [ श्री भगवत् जैन
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चाँदनीके चार दिन (कहानी) - ( श्री भगवत् जैन ३५४ जगत्गुरु अनेकान्त - [सम्पादकीय
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जय जय जुगलकिशोर (कविता) - [ श्री बुद्धिलाल १६१ जागो जागो हे युगप्रधान (कविता) -
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[पं० पन्नालाल जैन साहित्याचार्य 'वसंत' १०२ जीवन और धर्म - [श्री जमनालाल जैन विशारद २७३ जीवनकी दिशा - [ श्रीविद्यानन्द छछरौली जीवनचरित्र - [ बा० माईदयाल जैन, बी० ए० १३३ जैनजागरण के अग्रदूत श्री बा० सूरजभानजीक पत्र १८४ जैनजागरण के दादाभाई बा० सूरजभान[पं० कन्हैयालाल मिश्र 'प्रभाकर' जैनधर्मकी झलक - [पं० सुमेरुचंद दिवाकर ६२, १०५ जैनधर्मपर अजैन विद्वान
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