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________________ २१६ अनेकान्त [वर्ष ५ वेष्टन नं० ग्रंन्थ-नाम ग्रन्थकार-नाम भापा पत्रसंख्या रचनासं लिपिसंवत हिन्दी ८०३ रायमल खुशालचंद्र १७६५ संस्कृत १२७ १३३ ३५६ ३२४ १३७ २२ २३७ १६०० १७२३ गुणकीर्ति भारमल्ल जवाहरलाल हेमचंद्र रायमल पं० टोडरमल (?) भ० सकलकीर्ति प्रभाकरसेन जिनचंद्र १३० ५०६ १८२३ १०० १६२ २८८ १२७ १६६० प्राकृत आदिपुराण उत्तरपुराण कविप्रबन्ध कायबल चौपाई चारुदत्तचरित्र त्रैलोक्यसार नेमिनाथपुराण पद्मपुराण पंचास्तिकायटीका पार्श्वनाथचरित्र | प्रतिष्ठापाठ प्रझम्नचरित्र प्राकृतकोप प्राकृतव्याकरण भद्रबाहुचरित्र भवनभाव मित्रविलास मृगावती चौपाई मृत्युमहोत्सव लघुमामायिक वर्तमानपुराण बीसविहरमानपूजा श्रीपालचरित्र सम्यक्त्वकौमुदी सुकुमालचरित्र (जीर्ण) सूत्रपंचर्या (?) हरिवंशपुराण हिन्दी १६५० १७८३ ३ ११२ १३४ ३०१ ६०५ संस्कृत प्राचार्य श्रीचंद्र किसनसिंह हरजसराय घीसामल कर्मचंद्र अकलंक भविराज नवलशाह अमरचंद्र रामदास कासीदास आचार्य वीरनंदी २६५% १८६५ ४२ १६२५ १७० ११५ १५६ प्राकृत १६८५ २१३ १२० ११६ पं० लखमीदास हिन्दी २०८ १८२४ वीरसेवामन्दिर, सरसावा।
SR No.538005
Book TitleAnekant 1943 Book 05 Ank 01 to 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1943
Total Pages460
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size28 MB
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