SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 561
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ५०२ अनेकान्त [वर्ष ४ जय सुमइ सुमइ परिवत्त हाम समणयणदिट्ठकंचणतिणासु जय पउमप्पह पउमप्पहाम अंतिमतित्त्थयरहो थिरयगसु जय परम परमणाहर सुपाम गंभीग्मि-जिय-ग्यणायरासु जय चंदप्पह चंदापहाम ता पुज्जहि मज्मु मणोहगई जय सुविहि सुविहियर अविहिबुक्क (?) त्रिणु गंतिय णिरुपयणियसुहाई जय सीयल सीयल भावमुक्क तं णिसुणेवि भासिउ सिरिहरेण जय समय समय मेयंम पूज कइण। बुहयण-माणसहरेण जय सुमण सुमणथुव वासुपूज जं वुत्तर तुम्हिहि जुत्तर तं अहरेण ममागामि जय विमल विमल गुणग्याकंन णिय सत्तिए जिणपयभत्तिए निहँ विह तंपि वियागामि जय वरय वग्यर अणंतसंत (१) कडवक १७ वाँ जय धम्म सुधम्म सुमग्गणाण पई विगुइउ रज कुलक्कमाउ, जय मंति य संति अणंनणाण गय पहुणासइ विच्छरिय राउ जय मिद्ध पमिद्ध पबुद्धकुंथु णियकुलमंतइ परवग्सुएण जय अहिय अहिययर कहिय कंथु (१) णिच्छ र उद्धग्यि इणीवरेण जय विसय विमय हरि मल्लिदेव जणणेरि उ माहु असाहु जं जे जय सुव्वय सुव्वयवंत संव तणएण करवउ अवसुजे जय विगय विगयण मिणिग्हमामि इय जाणंतुवि णयमग्गु जार जय गीग्य गीग्यणयण णेमि कि संपइ अण्णारिसु सहार जय पाम अपाम अणंग दाह णिम्महिउ कुलक्कमु णरवरेण जय विणय विणय सुर वीरगाह मूर लइ तवर्वाण जंतण तेण एजिणवर णिज्जयगडवर विगिावारिय चउविहगह। इउ मज्भु दिति अवजसु जणाई जय सासण विग्यविणासण महु पयडंतु महामह घरिनेण अच्छु कइवय दिणाई (१) कडवक रंग एउ भावि तणय भालाल चारु इक्कहिं दिणि णग्वरणंदणे विष्फुरिय ग्यणगणतिमिरभारु मोमाजणणी-श्रारणंदणेण सई वद्ध पठु जणणिं विसाल जिण-चरण-कमल दिदिरंग णं बद्धउ रिउवर बाहु डालु रिणम्मलयर-गुणमणि-मंदिरेण भूवाल-मंनि-सामंत-वग्गु जायम-कुल-कमल-दिवायरेण महुग्-गिरई संभासिउसमग्गु जिरणभणियागम-विहिणायरंण तुम्हई संपड बहु सामिसालु णामेण मिचंदेण वुत्तु (१) पणविज्जहो णिवलच्छी विमालु भी कइसिरिहर ! सहढ जुत्तु ! पिय-यम-सुमित्तबंधवयणाई जिह विरइन चरिउ दुहाहवारि पुन्छेविणु पणयट्ठिय भणाई संसारुभवसंतावहारि णिग्गर गेहहो परिहरिवि दंड चंदप्पहसंति-जिणेसगह पिहियांसव मुणिवरपायदंडु भश्चयण-सरोज-दिणेसराह पणवेवि तेण वरलक्खणेण तिहं वइ विरयहि वीरहो जिणासु तिपयाहिणु देविरणु तक्खणेण
SR No.538004
Book TitleAnekant 1942 Book 04 Ank 01 to 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1942
Total Pages680
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size73 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy