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________________ ४६२ अनेकान्त ५६०पंढ नपुंसक कंचुकी, २६ पद्वारपाल प्रतिहार ॥१३५।। २ ०९दन सुपन पलाम दल,२९ पेडमूल जड कंद । २६२पौर लोक नागर प्रजा, २६ साल दुर्ग प्राकार। २९४पुहुप प्रसून सुमन कुसुम, "मधु पराग मकरंद ॥१४८ ३६४पंथनिराध कपाट पट, २६"गांमुम्ब नगरदुवार ॥१३६ २१ चूत श्राम सहकार तरु, मौरभ अंब रसाल । २६ हजाल गवाख'समीरपथ, उर्द्धपंथ सोपान । २९"रंभ मांच केला कदल, .."मालकार वनपाल ॥१४९ २१८वक विषम अंकुल कुटिल, कंडल मंडल जान १३७ २० वल्ली वेलि व्रतति लता,५०°वाटिक कुसुमप्रगम । २७"तालपत्र कंडल श्रवण, सिग्बंधन सिदर । 'सुरभि सुगंध सुवासना,"माल हार सजदाम॥१५० पान वलय कंकन कटक. बाँहरक्ख कंयूर ॥१३८॥ कंठीरव कुंजरदमन, हरि हरिधिप मृगसूल । तुला कोटि नूपुर चरन, भाल सुतिलक ललाम। बली पंचमुग्ब केसरी, मग्भ सिंह सादुल ।।१५१।। कटि किंकिनि मखल ग्सन, छुद्र घंटिका नाम ।।१३९।। 'गज करंनु मातंगधिप, करि वाग्न मुंडाल । 'बल अनीक मंना चमू, कटक वाहिनी दंड। सिंधुर दंती नाग इभ, लभ मतंगज बाल||१५२।। २० चिन्ह पताका केतु ध्वज, वैजयंति तह झंड ॥१४०|| "अश्व वाजि घोटक तुम्ग, हरि तुरंग हय वाह । २७3मा मायक नागच खग, वान मिलीमुख कंड। 3०६ऊँट वंग गामुक करभ, "सूकर क्रांड वगह ॥१५३।। २७४धनुष कारमुक चाप धनु, गुनधाग्न कोदंड ॥१४१॥ १०॥बानर वलिमुख विपनचर, माखामृगकपि कीस । २७"सरवारन कंचुकि कवच, डर भय त्रास असात। ३. सारन हग्नि कुरंग मृग, अजिन जोनि एनीस ॥१५४|| २७७असि कृपान करवाल तह, रछत प्रहार संघात १४२११'धेनु गाय पसु १'वृषभमिष, महिषावाहलुलाय १७१रन विग्रह संजुग समर, संपगय संग्राम। जंबुक भीक शृगाल मिव, मृगधूरत गोमाय ॥१५५।। __कदन प्राजि संगर कलह, जुद्ध महाहव नाम ॥१४३।। ११५ऊंदर मूषक नागरिपु, १"बिल्ला प्रोतु मँजार । ५८°जाचक मंगित बंदिजन, २८ 'रंगभूमि रनखेत। रासभ गर्दभ रेंक रबर, २१°चर गति गमन विहार १५६ २८२सूरवीर जोधा सुभट, २८ भूत पिशाच परेन ॥१४४॥ १ श्वान पुरोगत प्रामहरि, श्वा कूकर दिढकक्ख । ८ "सैल अचल गिरि सिम्बरि नग, पर्वत भूधर नाम। सारमेय निशिजागरण, मंडल आतुविपक्व ॥१५॥ ५८ "देवम्बात विल कंदरा, दर्ग गुफा मुनिधाम ॥१४॥''श्रांत्र अक्ष इंद्रिय करन, १२°कंज विषान सु-सुंग। २८७पीवर पीन सुथूलगुन, २८ "उन्नत उच्च उतंग। सारंग षट्पद मधुप अलि, भ्रमर सिलीमुख भृग १५८ २४“विस्तीरनविस्तर विपुल,२८ अधनचनीचविभंग४६२मकुनि संकुन पतंग वग. सलभ विहंगम पक्खि । २'कानन विपन अरण्य बन, गहन कक्ष कतार। ३२खगपति विननासुत गरुड, हग्विाहन हिमाव १५९ २९'विटपिमहीरुह साखिनम, अगपादप फलधार ॥१४७२'जीवंजीव चकोर तह, ...कुरकट नामरचूर । २६० खोजानाम २६. द्वारपालनाम २६२ प्रजानाम २६३ २६२ पातनाम २६३ मूल ( जड़ ) नाम २६४ कोटनाम २६४ किवाड़नाम २६५ द्वारनाम २६६ झरोखा पुष्पनाम २९५ परागनाम २६६ अाम्रनाम २६७ (खिड़की) नाम २६७ सीढ़ीनाम २६८ वक्र (टेडे ) नाम कलानाम २६- मालीनाम २EE लतानाम ३०० फुलवारी२६६ धेरे के नाम २७० अङ्गभूषण नाम २७१ सेनानाम नाम ३०१ सुगंधनाम ३०२ मालानाम ३०३ सिहनाम । २७२ ध्वजानाम २७३ वाणनाम २७४ धनुषनाम २७५ ३०४ हाथी और हाथीके बच्चे के नाम ३०५ अश्वनाम जिरह (बस्तर ) नाम २७६ भयनाम २७७ तलवारनाम ३०६ ऊँटनाम ३०७ सूकरनाम ३०८ बन्दरनाभ ३०६ २७० घावनाम २७६ मंग्राम (युद्ध) नाम २८० याचकनाम मृगनाम ३१० गायनाम ३"बैलनाम ३१२ भैंसानाम २८. रणभूमिनाम २८२ सुभटनाम २८३ प्रेतनाम २८४ ३१३ शृगालनाम ३१४ मूषकनाम ३१५ बिलाव (बिल्ली) पर्वतनाम २८५ गुफानाम २८६ स्थूलनाम २८७ उतंगनाम नाम ३१६गर्दभनाम ३१७गमन(चाल)नाम ३१८ कूकरनाम २८८ विस्तारनाम २८६ नीचेके नाम २६. वननाम ३ इन्द्रियनान ३२०सींगनाम ३२१भ्रमरनाम ३२२पक्षीनाम २११ वृक्षनाम । ३२३गनाम ३२४ चकोरनाम ३२५ कुक्कुटनाम ।
SR No.538004
Book TitleAnekant 1942 Book 04 Ank 01 to 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1942
Total Pages680
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size73 MB
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