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किरह]
बनारसी-चाममाला
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''त्याग बिहाइत दान दत, ममना हित मुम्ब सात । २२९भंत विनामनिधन मग्न, पंचत प्रलय निपात ॥१२५।।
"गुन थुति कीर्ति उदाहरन, जम सलाक प्रवदात ।।११५ २३ 'प्रसतर उपल पषान एष, २ . 'भूदारन इल सीर । - 'प्रकट साधु सुबिदित विसद,२०२निरुपम अकथ अनूप २ हयगवीन स पिग्स,२५ दुग्ध अमृत पय छीर ।१२६ .. मंद बिलवित सिथिल तह, छाँह विंब प्रतिरूप११६ २३ अग्य वित्त वसु द्रविन धन x २ "सुगवारनी हाल ।
"तुल्य सवर्ण सघर्म मम, सहस सरूप ममान। मधु मदिरा कादंबरी, सीधु मघ कोलाल ||१२७॥ २०"जुगत संसकन सहित जुत, 'नाम गांत अभिधान ।। २३ हाटक हेम हिरण्य हरि, कंचन कनक सुवर्ण । १. प्रतिदिन नित संतत सदा, ""नूतन नव सुनवीन । जातरूप कलधौत तह, रजत रूप शुचिवर्ण ॥१२८। - ''प्राकृत जीरन मुचिर तनु, जरठ पुरातन छीन ॥११८।।"भूषन मंडन प्राभग्न, अलंकार तनभाल ।। - "करकम कठिन कठोर दिद, निठुर परुष अस्लील । 'अंसुक निवसन धीर पट, चीवर अंबर छाल||१२९।। - १.कोमल पेसल मम्म मूदु, २१ प्रकृति स्वभाव सलील || "गंधसार चंदन मलय, २४ पहिम कपूर घनसार।
"बुद्धि मनीषा संमुषी, धी मेधा मति ग्यान 8 नाभिज मृगमद कस्तुरी, कुंकुम रकतागार ॥१३०।। २१"भावक मंगल कुसल सिव, भविक छेम कल्यान ।।१२० २८ मयन मंच परयंक तह, २. “सेज तलप उपधान । २१६क्षिप्रवंग सहसा तुरत, झटित आसु लघु जान। २४"दग्पन मुकुरसुअादरस,२४६ छायाकरन वितान ॥१३१ २१'नरल अथिर चंचल सुचल, चपलविलोल बग्वाना१२१ २४ "मुकट किरीट सगरसन, २४८ प्रातपत्र सिरछत्र। * १“अहंकार विनय गरव, उमतगल अभिमान। २. पद सिंहासन पीठ तह, " हेति सुमायुध अख॥१३२
१९अंधकार संतमस तम, धूमर तिमिर भयान ॥१२२।। २"'भूप महीपति छत्रधर, मंडलस राजान । २२°गर पीत कंचनवग्न, २. रक्त सुलोहित लाल। २०२चक्री साग्वभौमनृप, २०३मंत्री सचिव प्रधान ॥१३॥ - २२हरित नील पालास तह, १ स्याम भृगरुचि काला१२३ २" मेव निषेव उपासना, "शासन पुहुप (१) निदेस ।
"प्रसन भाग आहार भख, २२"लीला कंलि विलास। ." भागपुन्य सुविहिन सुकन," "मकल बंड लव लेम ५२६विधुर कछ संकट गहन, व्रत संजम उपवासा१२४ २""महिषा पट्टनिवासिनी,"पुररम्बवाल सलार । २सूषा अलीक मुधा विफल, वृथा वितथ मिथ्यातx १९८दाननाम REE सुखनाम २०.कीनिनाम २०१ प्रक
२२६ मरणनाम २३० पाषाणनाम २३, हलनाम टनाम २०२ अनुपमनाम २०३ विलम्बनाम २०४ छायानाम २३२ घृतनाम २३३ दुग्धनाम २३४ धननाम । २०५ समाननाम २०६ युक्तनाम २०७ नाम-नाम २०८ Xभाव पदारथ समय धन, तत्त्व वित्त वसु दर्व। मदानाम २०१ नूनन नाम २१. पुरानननाम २११ कठिन- द्रविन श्ररथ इत्यादि बहु, वस्तुनाम ये मर्व (ना. स.) नाम २१२ कोमलनाम २१३ स्वभावनाम २१४ बुद्धिनाम । २३५ मदिरानाम २३६ सुवर्णनाम २३७ रजननाम *नाटक समयसारमें इम नामका निम्न पद्य है:- २३८ श्राभरणनाम २३६ वखनाम २४० चन्दननाम प्रजा धिसना सेमुसी, धी मेधा मति बुद्धि । २४१ कपूरनाम २४२ कस्तूरीनाम २४३ पलंगनाम २४४
सुरति मनीषा चेतना, श्राशय अंश विमुद्धि ।। ४३ ॥ शय्यानाम २४५ दर्पणनाम २४६ चंदोवानाम २४७ मुकुट२१५ कल्याणनाम २१६ शीघ्रनाम २१७ चंचलनाम नाम २४८ छत्रनाम २५६ सिंहासननाम २५० अस्त्रनाम । २०८ अभिमाननाम २१९ अंधकारनाम २२० पीतवर्णनाम २५१ राजानाम २५२ चक्रवर्तिनाम २५३ मंत्रीनाम २२० रक्तवर्णनाम २२२हरितवर्णनाम २२३श्यामवर्णनाम २५४ सेवानाम २५५ श्राशानाम २५६ पुण्यनाम । २२४ प्राहारनाम २२५ क्रीडानाम २२६ कष्टनाम २२७ इस नामका नाटक समयमारमें निन्न पद्य पाया जाता है:व्रतनाम २२८ असत्यनाम ।
पुष्प सुकत ऊरधवदन, अकररोग शुभकर्म । xजथारथ मिथ्या मृषा, वृथा असत्त अलीक ।
सुखदायक संसारफल, भाग बहिमुख धर्म ||४|| मुधा मोष निष्फल वितथ, अनुचित असन अठीक (ना.स.) २५७ ग्वंडनाम २५८ रानीनाम २५६ कोटपालनाम ।