SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 631
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अनेकान्त [भाषण,धीर निर्माण १६१ ६ गोविन्द II .ध्रुवा(घोर) प्रभूतवर्ष निरूपम, धारावर्ष, कलिवल्लभ दक्षिण-शाखा ८ गोविन्द III (गोयिन्द) प्रभूतवर्ष, जगत्तुंग, श्रीवल्लभ, पृथ्वीवल्लभ (ई०स० ७९४८१४) ९शर्व अमोघवर्ष । नृपतुंग (ई०सन् ८१४-८७७) अविशयधवल (वीरनारायण) १० कृष्ण II (कार) अकालवर्ष, शुभतुंग (८७७-९१३) जगतुंग गुजरात-शाखा १ इन्द्र कर्क (क्क) 1 (अमोघवर्ष) ३ ध्रुव 11 (निरुपम) ४ अकालवर्ष (शुभतुंग) ५ ध्रुव II अतितुंग, निरुपम, धारावर्ष ६ (कृष्ण अकालवर्ष) ११ इन्द्र III (नित्यवर्ष) १४ बडेग (वडिग)। अमोघवष III १२अमोघवर्ष १३ गोविन्द (गभीन्दर) प्रभूतवर्ष निरुपम १५ कृष्ण III (कलर, इसिवकमर) १६ खोडिग अकालवर्ष नित्यवर्ष १८ इन्द्र v (ई०सन् ९८२ में मर गया) १७ कक II (ककाल) अमोघवर्ष, नपतुंग, वीरनारायण यह 'मसम्म राज्यः सदिवं विनिये..."छात्रा' तर होगा ? 'पंप-मारत' में (१-२३ इत्यादि) 'बदेग' (प्रा.ये मा० ० १५ और ११५) इस वाक्यके अनु- बह नाम है। सार पहामिषेकके पहिले ही मर गया मालूम पड़ता है। सोडिग (कोदिग) संभवतः कबर शब्द होगा। विंग (पहिग)-पह बहुशः कर्नाटक भाषाका यह बहुशः 'कोटु' (=किरीट ) से शायद 'कोहिग' नाम ही मादम पाता है। "बर्देन्दु पौडी"। (शब्द- (=किरीट) अर्थात् 'नरेश' (अथका 'अर्जुन') इस मणिवपंथ) से बने हुए 'गदेंग, (= प्रौड ) का रूपा- प्रकारका अर्थ हुमा होगा।
SR No.538003
Book TitleAnekant 1940 Book 03 Ank 01 to 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1940
Total Pages826
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size80 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy