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________________ वर्ष २ किरण १] उत्सर्पिणी और अवसर्पिणी ६५ भिक्षु राहुलजीने टिबेटियन गुरुपरम्पराके काश्मीरके कर्कोट-वंशीय राजा मुक्तापीड अनुसार धर्मकीर्तिका ६२५, प्रज्ञाकरगुप्तका ललितादित्यका राज्य काल ७३३से ७६८ A. ID. ७००, धर्मोत्तर और रविगुप्तका ७२५ ईस्वी तक रहा है *। यदि प्रत्येक पीढ़ीका समय २५ वर्ष सनका समय लिखा है । जयन्तने एक जगह भी मान लिया जाय तो शक्तिस्वामोके ईस्वी सन् रविगतका भी नाम लिया है। अतः जयन्तकी ७३५में कल्याणस्वामी, कल्याणस्वामीके ७६०में पूर्वाविधि ७२५ A. D. तथा उत्तराविधि ८४१ चन्द्र, चन्द्रके ७८५ में जयन्त उत्पन्न हुए और A. D. होनी चाहिए । यह समय जयन्तके पुत्र उन्होंने ईस्वी सन् ८१५ तकमें अपनी 'न्याय अभिनन्दन द्वारा दीगई जयन्तकी पूर्वजावलीसे मंजरी' बनाई होगी। इसलिये वाचस्पतिके समय भी संगत बैठता है। अभिनन्द अपने कादम्बरी में जयन्त वृद्ध होंगे और वाचस्पति इन्हें आदर कथासारमें लिखते हैं कि की दृष्टिसे देखते होंगे। यही कारण है कि उन्होंने ___ 'भारद्वाज कुलमें शक्ति नामका गौड़ ब्राह्मण अपनी श्रादाकृतिमें न्यायमंजरीकारका स्मरण था। उसका पुत्र मित्र, मित्रका पुत्र शक्तिस्वामी किया है। हुआ । यह शक्तिस्वामी कर्कोटवंशके राजा मुक्तापाट ललितादित्यके मंत्री थे। शक्तिस्वामीके व्योमशिव और जयन्तकी तुलना तथा पुत्र कल्याणस्वामी. कल्याणस्वामीके पुत्र चन्द्र व्योमशिवका समय एवं उनका जैनग्रंथों पर तथा चन्द्रके पुत्र जयन्त हुए, जो नववृत्तिकारके प्रभाव, ये सब विषय अगले लेखमें लिखे नामसे मशहर थे। जयन्तके अभिनन्द नामका जायँगे। पुत्र हुआ। -):*: उत्सर्पिणी और अवसर्पिणी -operpe (ले० श्री स्वामी कर्मानन्द जी जैन) यह हम दावेके साथ कह सकते हैं कि जैन-धर्मका इतिहास अति प्राचीन एवं इसका * संसारमें जितने मत-मतान्तर हैं उन कथन बहुत ही स्वाभाविक है। आज हम इसके सबका आदि मूल जैन धर्म है। दूसरे सम्पूर्ण कालवाचक शब्द उत्सर्पिणी और अवसर्पिणीपर धर्म जब भारतीय धर्मोंके विकृतरूप हैं तब ऐतिहासिक दृष्टिसे विचार करेंगे। अति प्राचीन अन्य भारतीय धर्म जैन-धर्मके रूपान्तर हैं। समयमें भारतीय शास्त्र युगके मुख्य दो भाग * देखो, संस्कृतसाहित्यका इतिहास, परिशिष्ट(ख)प०१५।
SR No.538002
Book TitleAnekant 1938 Book 02 Ank 01 to 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1938
Total Pages759
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size105 MB
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