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________________ वर्ष २ किरण ३] प्रभाचन्द्रके समयकी सामग्री - - के लिए 'द्रव्यादिषु उत्पद्यते' इस पदका अनुवर्तन सन ६५० से ६७० तक अनुमान करते है। यदि ये करना' इन दो मतोंका समालोचन किया है। आठवीं या नवमीं शताब्दिके विद्वान होते तो कन्दलीकार श्रीधरका समय व्यधिकदशोत्तरनव- अपने समसायिक शंकराचार्य, शान्तरक्षित जैसे शतशकान्दे' पदके अनुसार ११३ शक अर्थात विद्वानों का उल्लेख अवश्य करते। हम देखते हैं ६६१ ई० है । और उदयनाचार्यका समय १८४ ई. कि-व्योमशिव शांकरवेदान्तका उल्लेख भी नहीं करते तथा विपर्यय ज्ञानके विषयमें अलौकार्थवादिराज अपने न्यायविनिश्चिय-विवरण ख्याति, म्मतिप्रमोष आदिका खण्डन करने पर भी (लिखित पृ० १११ ।।. तथा ११२ A. ) में शंकरके अनिर्वचनीयार्थख्यातिवाद का नामभी व्योमवतीस पूर्वपक्ष करते हैं। नहीं लेते । व्योमशिव जैसे बहुश्रुत एवं सैकड़ों मतवादिदेवसूरी अपने म्याद्वादरत्नाकर (पृ० ३१८ मतान्तरोंका उल्लेख करने वाले प्राचार्य के द्वारा तथा ४१८ ) में पूर्वपतरूपस व्योमवतीका उद्धरण किसी भी अप्टम शताब्दि या नवम शताब्दिवर्ती देते हैं। आचार्यके मतका उल्लेख न किया जाना ही उनके गुणरत्न अपनी पड़दर्शनसमुच्चय की वृत्ति सप्तम शताब्दिवर्ती होनेका प्रमाण है। (पृ० ११४ A) में मिर्पि न्यायावतारवृत्ति अत: डा. कीथका इन्हें नवमी शताब्दिका (पृ०६ ) में तथा हेमचन्द्र प्रमाणमीमांसा (पृ०७) विद्वान लिखना तथा डा० एस. एन. दासगुप्ता में व्योमवतोके प्रत्यक्ष, अनुमान तथा आगम इस का इन्हें छठी शताब्दिका विद्वान् बतलाना ठीक प्रमाणत्रित्व की वैशपिकपरम्पराका पूर्वपक्ष करते हैं। नहीं जंचता * | __इस तरह व्योमवती की संक्षिप्त तुलनासे झात हो सकेगा कि व्योमवतीका जनप्रन्यांसे विशिष्ट * यह लेख मैंने व्योमशिवके विशिष्ट अभ्यासी सम्बन्ध है। मित्रवर श्री विभूतिभूषण भट्टाचार्य काशीसे चर्चा इस प्रकार हम व्योमशिवके समयको शिला• करके लिखा है। अतः उन्हें इसके लिए धन्यवाद है। लेख तथा उनके प्रन्थके उल्लेखोंके आधारसे ईस्वी -लेखक 'संसार भरके धर्मग्रन्थ सत्यवक्ता महात्माओंकी महिमाकी घोषणा करते हैं।' 'धन, वैभव और इन्द्रिय-सुखके तूफानी समुद्रोंको वही पार कर सकते हैं कि जो उस धर्म-सिन्धु मुनीश्वरके चरणोंमें लीन रहते हैं।' -तिरुवल्लुवर
SR No.538002
Book TitleAnekant 1938 Book 02 Ank 01 to 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1938
Total Pages759
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size105 MB
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