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________________ वर्ष २ किरण १]] अहिंसाधर्म और धार्मिक निर्दयता इनपर अधिक अत्याचार करते हैं। बहेलियेके निर्दयतापूर्ण कार्यका विरोध किया और कुछ वर्ष पूर्व कनाडाके क्वेबेक नामक नगरमें कहा कि लोमड़ीके इधर-उधर हिलते समय फोटो एक बहेलियेने एक छोटी लोमड़ीको जीवित ही किस प्रकार लिया जासकता है । इसपर बहेलियेने जालमें पकड़ लिया । उसने उसको अपने घर लोमड़ीको उतारनेके स्थानमें उसकी अगली टांगोंलजाकर उस स्थानपर टांग दिया जहाँ अनेक को एक रस्सीमें बाँधकर आगेको इस प्रकार खींच खाले टंगी हुई थीं। उस समय वहाँ एक फोटोग्रा. कर बाँध दिया कि वह हिलडुल भी न सके । फर भी था। वह उन खालोंका फोटो लेना चाहता इसके बाद फोटोग्राफरने फोटो ले लिया। वह इस था। किन्तु उसने लोमड़ीकी छटपटाते देखकर फोटोको पशुनिर्दयता-निवारक सभामें भेजने दक्षिणी अरकाटके विरुधचलम् तालुकके मदुवेत्तिमंगलम् मंदिर में एक साथ सात भैंसोंको काटकर उनकी बलि दी जाती है !! और यह पूजो त्मवका वहाँ एक माधा रग रूप है। kanBadsham Maitri. SHR.LEAGUE: ...... .MKARA LORAMMAR INREE वाला था। सारांश यह है कि पशुनिर्दयता निवारक उद्योग किया है । एडिनबर्गके डाक्टर मिम्पमनको कानूनके अनुमार अनेक व्यक्तियोंको छोटे छोटे ऑपरेशनके ममय गगियोंका नड़पना और अपराधों में दंड दिया जाता है, किन्तु बहेलियों चिल्लाना देखकर बड़ी दया आई। अतएव उमन और शिकारियोंपर उक्त कानून लागू नहीं होता। बहोश करनेकी औषधिको खोज निकाला। किसी बच्चेके हाथ में तो जब कभी कोई कुत्ते या अमेरिकामें पशुओंक प्रनि दयाभाव प्रदर्शिन बिल्लीका बच्चा पड़ जाता है. उसकी श्राफत ही श्रा करनका प्रचार रेडियो, ममाचारपत्र और जाती है। व्याग्न्यानों द्वारा किया जाना है। वहाँ अनेक उन्नीसवीं शताब्दी में बड़े-बड़े चिकित्मकोंन ममितियाँ जीवदयाका प्रचार कर रही हैं । इम गंग और मृत्युमें कष्ट कम करनेका बड़ा भारी विषयमं वहाँ प्रतिवर्ष मैकड़ों ट्रैक्ट निकलते हैं।
SR No.538002
Book TitleAnekant 1938 Book 02 Ank 01 to 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1938
Total Pages759
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size105 MB
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