________________
ॐ अहम् సమంత
परमागमस्य बीजं निषिद्ध-जात्यन्ध-सिन्धुर-विधानम् । सकलनयविलसितानां विरोधमथनं नमाम्यनेकान्तम् ।।
-श्रीश्रमतचन्द्रमरिः।
वर्ष १
।
समन्तभद्राश्रम, करोल बाग, देहली । माघ, संवत १९८६ वि०, वीर-निर्वाण सं० २४५६
किरण ३
asmananana nararan anak mere
* सम्वका सच्चा उपाय *
१ जग के पदार्थ सारे, वत इच्छानकूल जो नरी । ६ तो तुझको सुख होवे, पर ऐसा हो नहीं सकना ॥
, क्योंकि परिणमन उनका, शाश्वत उनके अधीन ही रहता।
जो निज-अधीन चाहे, वह व्याकुल व्यर्थ होता है।
IBNNNNNNNN
₹ इससे उपाय सुखका, मच्चा, स्वाधीन-वृत्ति है अपनी। १ राग-द्वेष-विहीना, क्षण में सब; दुःम्ब हरती जो ॥",
-'युगवीर' CascinacnNCREDEBANare?